MP News: मध्य प्रदेश में खिलाड़ियों (शूटर्स) को जारी होने वाले लाखों कारतूस आपराधियों तक पहुंचने के मामले में जिला प्रशासन ने रिपोर्ट तैयार की है. अलग-अलग शूटिंग अकादमी से जुड़े 80 शूटर्स का रिकॉर्ड खंगाला गया है. इस मामले में मछली गैंग का नाम सामने आया था. मछली गैंग के लोग शूटर्स से कारतूस अवैध तरीके से लेते थे.
4 दिन चली वेरिफिकेशन प्रक्रिया
कारतूस फर्जीवाड़ा मामला सामने आने के बाद प्रशासन ने एक्शन लिया. इसके बाद 4 दिन के वेरिफिकेशन में 80 शूटर्स पहुंचे. इसके अलावा 5 शूटर्स ने अपने बयान ऑनलाइन रिकॉर्ड कराए. नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया और लीगल आर्म्स डीलर से कब-कब कारतूस खरीदे और खाली कारतूस कहां जमा कराए, इसकी जानकारी भी दी.
कलेक्टर को सौंपी जाएगी रिपोर्ट
SDM रविशंकर राय ने इस संबंध में रिपोर्ट तैयार की है, जिसे कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को सौंपी जाएगी. उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट तैयार कर ली गई है. इस मामले में जो भी गड़बड़ी मिली है, अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने के बाद एक्शन लिया जाएगा.
मछली गैंग के ठिकानों से बरामद किए थे हथियार
ड्रग्स जिहाद, लव जिहाद और अन्य आपराधिक मामले में आरोपी मछली गैंग के सदस्यों पर आरोप है कि उन्होंने शूटर्स और शूटिंग अकादमी के जरिए कारतूस हासिल किए थे. इस मामले के सामने आने के बाद प्रशासन हरकत आया है. मछली गैंग के शाहिद के पास से अवैध हथियार मिले थे, जिसे जब्त कर लिया गया है. शाहिद के पास से 12 बोर की सेमी ऑटोमैटिक गन, 30-06 स्पोर्टिंग राइफल और .32 बोर की रिवाल्वर बरामद की गई है.
