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MP News: भोपाल गैस त्रासदी के कचरे की राख को दीवार में किया जाएगा दफन, पीथमपुर में 337 मीट्रिक टन जहरीले कचरे को जलाया गया था

bhopal union carbide (file photo)

यूनियन कार्बाइड (फाइल तस्वीर)

MP News: भोपाल गैस त्रासदी के जहरीले कचरे की राख को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के आधार पर नष्ट की जाएगा. दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार जमीन से लगभग डेढ़ मीटर ऊपर लैंडफिल साइट को बनाया जाएगा. एक डोमनुमा आकृति बनाई जाएगी. इसका एरिया 50 मीटर लंबा और 50 मीटर चौड़ा होगा. इसकी दीवार में राख को नष्ट किया जाएगा. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश के बाद धार जिले के पीथमपुर में 850 टन कचरा जलाया गया था.

30 साल तक होगी निगरानी

यूनियन कार्बाइड के जहरीले कचरे की राख के निपटारे के लिए डोम बनाया जाएगा. इस डोम की दीवार में राख को नष्ट किया जाएगा. इसकी ऊंचाई 2.5 मीटर, चौड़ाई 10 मीटर होगी. डोम को इस तरह बनाया गया है कि इसका जमीन से संपर्क ना हो. इस राख को लीक प्रूफ बैग में रखा जाएगा. इसकी निगरानी 30 सालों तक की जाएगी.

उच्च न्यायालय के आदेश पर जला कचरा

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने यूनियन कार्बाइड के कचरे को जलाने के लिए तीन चरणों में ट्रायल की इजाजत दी थी. इसके बाद पहले चरण में 135 किलो वेस्ट प्रति घंटा नष्ट किया गया. दूसरे चरण में 180 किलो प्रति घंटा और तीसरे चरण में 270 किलो प्रति घंटा कचरा नष्ट किया गया.

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पीथमपुर में जलाया गया कचरा

भोपाल की कीटनाशक फैक्ट्री यूनियन कार्बाइड में 2 से 3 दिसंबर 1984 की रात गैस रिसाव हुआ था. इस त्रासदी में हजारों लोगों की जान गई थी और लाखों लोग प्रभावित हुए थे. इसके जहरीले कचरे के निस्तारण के लिए एमपी हाई कोर्ट में केस चला. साल 2024 में उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि इंडस्ट्रियल एरिया पीथमपुर में जहरीला कचरा जलाया जाए.

इसके बाद भोपाल से इंदौर के पास स्थित पीथमपुर तक 250 किमी लंबा ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. जहरीले कचरे को 12 ट्रकों के माध्यम से रामकी एनवाइयरो नाम की कंपनी भेजा गया. जहां कचरा जलाया.

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