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Gold Cash Case: कोर्ट ने सौरभ शर्मा को 7 दिनों की रिमांड पर भेजा, लोकायुक्त पुलिस ने किया था गिरफ्तार

Bhopal: Court sent Saurabh Sharma on 7 days remand

भोपाल: कोर्ट ने सौरभ शर्मा को 7 दिनों की रिमांड पर भेजा

Gold Cash Case: गोल्ड-कैश कांड (Gold Cash Case) में आरोपी सौरभ शर्मा (Saurabh Sharma) को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने लोकायुक्त को 7 दिनों की रिमांड (Remand) दे दी. लोकायुक्त ने कोर्ट से 7 दिनों की रिमांड मांगी थी. वहीं सौरभ शर्मा के वकील ने कहा कि रिमांड पर न भेजने की अपील की थी. मंगलवार सुबह RTO के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा को लोकायुक्त पुलिस ने गिरफ्तार किया.

सौरभ शर्मा के वकील राकेश पराशर ने दावा किया है कि सौरभ कोर्ट में सरेंडर करने जा रहा था. सरेंडर करने से पहले ही लोकायुक्त पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. ऐसा कहा जा रहा है कि लोकायुक्त स्पेशल कोर्ट में पेशी की जाएगी. पिछले 40 दिनों से फरार चल रहा था आरोपी.

सौरभ की गिरफ्तारी अवैध- वकील

सौरभ शर्मा के वकील राकेश पराशर का कहना है कि सोमवार यानी 27 जनवरी को सौरभ शर्मा को कोर्ट में हाजिर किया गया था. लोकायुक्त की डायरी नहीं आई थी. न्यायालय ने आज उसको उपस्थित होने के लिए कहा था. हम लोग कोर्ट आ गए थे लेकिन सौरभ शर्मा कोट आ रहे थे. कोर्ट परिसर के बाहर ही सौरभ को गिरफ्तार कर लिया गया.

वकील ने आगे कहा कि यह गिरफ्तारी अवैध है. इसका हम आवेदन कोर्ट में लगा रहे हैं. लोकायुक्त ने कोर्ट से बाहर अरेस्ट किया है. हमने कोर्ट को बताया है कि उसकी गिरफ्तारी बाहर की गई है. लोकायुक्त की ड्यूटी है अभी या फिर 24 घंटे के भीतर मेडिकल कराने के बाद उसे कोर्ट में पेश किया जाए.

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सौरभ शर्मा को जान का खतरा- वकील

सौरभ शर्मा की जान को खतरा बताते हुए वकील ने कहा कि सौरभ की जान को शुरू से ही खतरा है. अभी भी खतरा है, हमने कोर्ट से गुहार लगाई है कि उसे सुरक्षा दी जाए.

उन्होंने कहा कि इसकी वीडियोग्राफी की जाए. उसकी वीडियोग्राफी की सीडी तीन कॉपी में कराई जाए. एक पुलिस, एक सौरभ और एक कोर्ट में पेश की जाए. उसका निरंतर मेडिकल कराया जाए.

सौरभ अभी लोकायुक्त पुलिस कस्टडी में चला गया है इलीगल कस्टडी है कोर्ट के बाहर से उसकी गिरफ्तारी हुई है.

234 किलो चांदी और 8 करोड़ रुपये कैश मिला था

19 दिसंबर को लोकायुक्त ने सौरभ शर्मा के भोपाल स्थित घर पर छापेमारी की थी. यहां से 234 किलो चांदी और 8 करोड़ रुपये कैश की बरामदगी की गई थी. इसके कुछ दिन बाद IT की सर्चिंग ऑपरेशन के दौरान भोपाल के मेंडोरी के जंगल से एक लावारिस कार मिली. इस कार से 54 किलो सोना बरामद हुआ था. ये कार ग्वालियर RTO में रजिस्टर्ड है. जिसका मालिक सौरभ का दोस्त चेतन गौर निकला था.

इसी कार से एक डायरी मिली थी. इसमें 100 करोड़ रुपये के लेन-देन का ब्यौरा था. प्रदेश के 52 जिलों में RTO अधिकारियों के पैसे देने का जिक्र मिला था. ED ने सौरभ पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है.

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कौन है सौरभ शर्मा?

सौरभ शर्मा परिवहन विभाग में पूर्व आरक्षक था. उसे अपने पिता के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति मिली थी. उसकी नियुक्ति को लेकर भी सवाल उठे थे. नियुक्ति पत्र में सामने आया था कि उसने अपनी पारिवारिक जानकारियां छिपाई थी. पत्र में बड़े भाई का जिक्र नहीं किया था. सौरभ पर आरोप है कि उसके पास RTO नाकों से उगाही करने का जिम्मा था. इसमें कई रसूखदार लोग शामिल थे. परिवहन विभाग में उसने केवल 12 साल नौकरी की थी. नौकरी से स्वैच्छिक रिटायरमेंट लेने के बाद बिल्डर बन गया.

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