Bhopal News: भोपाल के आखिरी नवाब हमीदुल्लाह खान की संपत्ति मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. उच्च न्यायालय ने ट्रायल कोर्ट के 25 साल पुराने फैसले को रद्द कर दिया है. यह फैसला जस्टिस संजय द्विवेदी वाली सिंगल बेंच ने सुनाया है. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि इस मामले में सुनवाई नए सिरे से की जाएगी.
क्या है पूरा मामला?
ये पूरा मामला भोपाल रियासत के आखिरी नवाब हमीदुल्ला खान की संपत्ति के उत्तराधिकार से जुड़ा है. बेगम सुरैया रशीद, बेगम मेहर ताज नवाब, साजिदा सुल्तान, नवाबजादी कमर ताज राबिया सुल्तान और अन्य ने साल 2000 में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में अपील दायर की थी. उन्होंने भोपाल कोर्ट के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी.
हाई कोर्ट में दायर अपील में क्या है?
हाई कोर्ट में दायर अपील में कहा गया था कि भोपाल रियासत का भारत में विलय 30 अप्रैल 1949 को हुआ था. यह विलय एक लिखित समझौते के तहत हुआ था. भारत सरकार के साथ हुए समझौते के मुताबिक विलय के बाद भी नवाब के विशेष अधिकार जारी रहेंगे. उनकी निजी संपत्ति का पूर्ण स्वामित्व और सिंहासन का उत्तराधिकार भोपाल सिंहासन उत्तराधिकार अधिनियम 1947 के तहत होगा.
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संपत्ति को लेकर विवाद
भोपाल के अंतिम नवाब हमीदुल्ला खान की मृत्यु के बाद उनकी बेटी साजिदा सुल्तान को नवाब घोषित किया गया था. भोपाल रियासत की संपत्ति को लेकर भारत सरकार ने 10 जनवरी 1962 को एक पत्र जारी किया था, इस पत्र में संविधान के अनुच्छेद 366 (22) के तहत व्यक्तिगत संपत्ति का उल्लेख निजी संपत्ति के रूप में किया गया था. अपीलकर्ताओं का कहना था कि भारत सरकार का यह आदेश सही नहीं है. अपीलकर्ताओं ने विरोध जताते हुए कहा था कि हमीदुल्ला खान की मृत्यु के बाद उनकी निजी संपत्ति का बंटवारा मुस्लिम पर्सनल कानून के अनुसार होना चाहिए.
