MP News: देश लगातार डिजिटल इंडिया की मुहिम को बढ़ावा दे रहा है. शहरों के साथ साथ ग्रामीण इलाकों में डिजिटल ट्रांजिक्शन का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है. देश का दिल मध्य प्रदेश इस बदलाव का भी केंद्र बनकर उभरा है. यहां छोटे व्यापारी (MSMEs), डेयरी नेटवर्क, एनजीओ और सहकारी संस्थाएं अब सिर्फ सेवा का जरिया नहीं हैं बल्कि तेजी से बढ़ती ग्रामीण इकोनॉमी का बेस बनते नजर आ रहे हैं.
ट्रांजेक्शन, ट्रस्ट और ट्रांसपेरैंसी बढ़े
फिनटेक प्लेटफॉर्म और लोकल नेटवर्क के साथ काम करने से ट्रांजेक्शन, ट्रस्ट और ट्रांसपेरैंसी तीनों बढ़े हैं. इस मॉडल के जरिए प्रदेशभर में 60 करोड़ से ज्यादा के लेनदेन हो रहे हैं. भोपाल, इंदौर, झाबुआ, शाजापुर और अलीराजपुर जैसे जिलों में छोटी छोटी दुकानें माइक्रो फाइनेंशियल सर्विस की केंद्र बन चुकी हैं. यहां किराना स्टोर और मोबाइल स्टोर से लेकर मेडिकल स्टोर्स पर नकद निकासी, पेमेंट और दूसरी फाइनेंशियल सेवाएं मिल रही हैं.
स्थानीय स्तर पर आय के नए स्त्रोत खुल सकते हैं
तेजी से बढ़ते इस मॉडल के लिए एयरपे के सीबीओ सुलभ टंडन टेक्नोलॉजी से ज्यादा लोकल पार्टनरशिप को श्रेय देते हैं. सुलभ टंडन के मुताबिक रूरल इंडिया के मार्केट में जो बदलाव अभी दिख रहा है वो लोकल मार्केट की एक नई परिभाषा तय कर रहा है. मध्य प्रदेश भी इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है. एमपी में छोटे व्यापारी, डेयरी नेटवर्क और सहकारी संस्थाएं अब डिजिटल और सहायता-आधारित वित्तीय सेवाओं के मुख्य सक्षमकर्ता बन रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि जब व्यापारी कोई भी प्लेटफॉर्म को अपनाता है तो ट्रांजेक्शन, इनकम और ट्रस्ट, तीनों में बढ़ोतरी होती है. इसी मॉडल के तहत एमपी में एयरपे 1700 से ज्यादा व्यापारियों के साथ काम करते हुए दिख रहा है. इससे स्थानीय स्तर पर आय के नए स्रोत खुल सकते हैं.
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