Vindhya Vistaar Samman 2024: विंध्य मध्य प्रदेश और देश का ग्रोथ इंजन है. विकास की उड़ान भर रहा विंध्य हमेशा से लोगों के बीच चर्चाओं में रहा है. विंध्याचल पर्वत की गोद में बसा मध्य प्रदेश का विंध्य क्षेत्र अपनी नैसर्गिक सुंदरता के साथ- साथ थर्मल पाव, खनिज संपदा और परंपरा के लिए जाना जाता रहा है. अब यह क्षेत्र विकास की तेज रफ्तार के साथ आगे बढ़ रहा है. विंध्य की इस तेज रफ्तार की उड़ान पर चर्चा के लिए रीवा में ‘विंध्य की उड़ान’ और ‘विंध्य विस्तार सम्मान 2024’ का आयोजन किया जा रहा है. कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री प्रह्लाद पटेल शामिल हुए. एडिटर इन चीफ ब्रजेश राजपूत ने कैबिनेट मंत्री से बात की.
‘प्रभारी मंत्री बनाने के लिए मैं सीएम का आभारी हूं’
रीवा का प्रभारी मंत्री बनाए जाने पर कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मैं अपने आप को सौभाग्यशाली मानता हूं और मुख्यमंत्री का आभारी हूं. पहली बार 2003 में विजन डॉक्यूमेंट के लिए रीवा आया था. संभाग केंद्र में समाज के सभी लोगों और तबके को लेकर विजन को तैयार करने की बात की गई थी. पहले के समय से अभी के समय अंतर साफ दिखाई देता है.
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जैसे पहले कहा जाता था कि सफेद बाघ की भूमि है, जल है, जंगल भी उपलब्ध है. लोगों में जज्बा बहुत है. आज यहां राजेंद्र शुक्ल को विकास पुरुष के रूप में जानते हैं.
‘विंध्य से हमेशा जुड़ा रहा हूं’
प्रह्लाद पटेल ने आगे कहा कि जब मैं पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में कोयला राज्य मंत्री बना तो CSR का पैसा विंध्य में खर्च करने का मौका मिला. यह पैसा रीवा, सतना, सीधी में खर्च किया. इस तरह मैं इस धरती से जुड़ा रहा हूं. हमारी सरकार ने विंध्य को नया मुकाम दिया है. यहां पिछड़ेपन की सारी बातें खत्म हो गई हैं. अब लोग गर्व करते हैं कि हम रीवा की धरती से हैं.
रीवा के बारे में दुष्प्रचार किया गया है- कैबिनेट मंत्री
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि रीवा में बौद्धिकता की कमी नहीं है. रीवा के बारे में जो दुष्प्रचार हुआ है. पानी की कमी से कृषि कम हो सकती है. अन्न कम हो सकता है. लेकिन मेघा में कोई कमी नहीं थी. लेकिन कई बार परसेप्शन, यथार्थ से दूर होता है. मैं दमोह का 10 साल का सांसद था. मेरी पहली शर्त थी कि विकास के लिए सरकार से पैसे नहीं मांगने हैं. आज देखिए बुंदेलखंड में पानी ही पानी है. केन-बेतवा लिंक परियोजना के बाद 10 साल किसी जगह पानी की कमी नहीं होगी. विंध्य, बुंदेलखंड और महाकौशल में जो विकास हुआ है वो बीजेपी ने किया है.
‘सिंगरौली ऊर्जा की राजधानी है’
पहले जहां सिंगरौली पहुंच से बाहर था आज वहां एनर्जी के सेक्टर स्थापित किए जा रहे हैं. ऊर्जा की राजधानी के रूप में जाना जाता है. विंध्य में अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है. विकास के पैमाने रोड, रेल, रॉ मटैरियल है. काम करने के लिए जन संसाधन उपलब्ध है.