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कैश-गोल्ड कांड के आरोपी सौरभ शर्मा और उसके साथियों को मिली जमानत, लोकायुक्त ने 60 दिनों में चालान पेश नहीं किया, कोर्ट ने जताई हैरानी

File Photo

सौरभ शर्मा (File Photo)

Saurabh Sharma Case: कैश और गोल्ड कांड के आरोपी सौरभ शर्मा और उसके साथियों को कोर्ट ने जमानत दे दी है. लोकायुक्त ने 60 दिनों में भी चालान पेश नहीं किया, जिसके कारण कोर्ट ने जमानत दे दी. साथ ही लोकायुक्त के चालान ना पेश कर पाने पर कोर्ट ने हैरानी जताई है. करोड़पति कॉन्स्टेबल सौरभ शर्मा के साथियों चेतन सिंह और शरद जायसवाल को भी जमानत मिली है. हालांकि यह जमानत केवल लोकायुक्त में दर्ज मामले में ही मिली है.

234 किलो चांदी और 8 करोड़ रुपये कैश मिला था

19 दिसंबर को लोकायुक्त ने सौरभ शर्मा के भोपाल स्थित घर पर छापेमारी की थी. यहां से 234 किलो चांदी और 8 करोड़ रुपये कैश की बरामदगी की गई थी. इसके कुछ दिन बाद IT की सर्चिंग ऑपरेशन के दौरान भोपाल के मेंडोरी के जंगल से एक लावारिस कार मिली. इस कार से 52 किलो सोना बरामद हुआ था. ये कार ग्वालियर RTO में रजिस्टर्ड है. जिसका मालिक सौरभ का दोस्त चेतन गौर निकला था.

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कौन है सौरभ शर्मा?

सौरभ शर्मा परिवहन विभाग में पूर्व आरक्षक था. उसे अपने पिता के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति मिली थी. उसकी नियुक्ति को लेकर भी सवाल उठे थे. नियुक्ति पत्र में सामने आया था कि उसने अपनी पारिवारिक जानकारियां छिपाई थी. पत्र में बड़े भाई का जिक्र नहीं किया था. सौरभ पर आरोप है कि उसके पास RTO नाकों से उगाही करने का जिम्मा था. इसमें कई रसूखदार लोग शामिल थे. परिवहन विभाग में उसने केवल 12 साल नौकरी की थी. नौकरी से स्वैच्छिक रिटायरमेंट लेने के बाद बिल्डर बन गया. वहीं चेतन गौर और शरद जायसवाल उसके दोस्त हैं.

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