MP News: वायरस (Virus) से होने वाली बीमारी के खिलाफ प्रदेश सरकार लगातार मुहिम चला रही है. लोगों को लगातार जागरूक किया जा रहा है. फिर भी वायरस जनित बीमारियों के मामले बढ़ते जा रहे हैं. इसमें चिकनगुनिया (Chikungunya) के मामले भी शामिल हैं. 5 साल बाद प्रदेश में फिर से इस बीमारी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ये आंकड़ा 500 के पार के पहुंच गया है. राज्य में इस बीमारी से सबसे ज्यादा भोपाल, इंदौर और ग्वालियर प्रभावित हैं.
इस साल इस बीमारी के 593 मामले
साल 2024 में अब तक पूरे प्रदेश में चिकनगुनिया के 593 मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं 5 साल पहले यानी 2019 में 756 मामले सामने आए थे. इन पांच सालों में आंकड़ें घटे हैं. लेकिन अभी भी चिंता का विषय बना हुआ है.
भोपाल, ग्वालियर और इंदौर में बढ़ रहे मामले
प्रदेश के शहरी इलाकों में चिकनगुनिया का प्रभाव देखने को मिल रहा है. इनमें भोपाल, इंदौर और ग्वालियर शामिल हैं. जिला अस्पतालों में समुचित इलाज की व्यवस्था गई है. अधिक से अधिक टेस्ट किए जा रहे हैं ताकि चिकनगुनिया का पता लगाकर सही समय पर इलाज हो सके.
चिकनगुनिया इम्यूनिटी कमजोर करता है
चिकनगुनिया वायरस जनित बीमारी है जो रोगी की लगातार इम्यूनिटी कमजोर करती है. ये संक्रमित मच्छरों के काटने से होती है. इसमें सिर में दर्द, जोड़ों में दर्द, बुखार और शरीर में लाल चकत्ते समेत कई लक्षण दिखाई देते हैं. चिकनगुनिया की रोकथाम के लिए मच्छरों पर नियंत्रण रखना होगा.