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एमपी में आंगनवाड़ी में होगी ऑनलाइन भर्ती, 3 साल में कुपोषण को खत्म करने लिए सीएम ने दिए एक्‍शन प्‍लान बनाने के निर्देश

CM took a meeting of the Ministry of Women and Child Development

सीएम मोहन यादव ने की महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के साथ बैठक

MP News: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रालय में महिला एवं बाल विकास विभाग की विस्तृत समीक्षा करते हुए आंगनवाड़ी प्रणाली, लाड़ली लक्ष्मी योजना और पोषण सुधार की प्रगति पर कड़ी नज़र डाली है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की भर्ती अब पूरी तरह ऑनलाइन और पारदर्शी ढंग से हो रही है, जिससे मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है. 19,500 रिक्त पदों में से 9,948 नियुक्तियां जारी भी कर दी गई हैं. उन्होंने साफ निर्देश दिए कि चयन प्रक्रिया, दस्तावेज़ सत्यापन और टेंडरिंग में किसी भी तरह की अनियमितता पाए जाने पर वरिष्ठ अधिकारी जिम्मेदार होंगे.

बैठक में कुपोषण को माना सबसे बड़ी चुनौती

बैठक में कुपोषण को सबसे बड़ी चुनौती मानते हुए तीन वर्ष का ठोस एक्शन प्लान तैयार करने को कहा गया. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि मातृत्व पोषण, स्तनपान प्रोत्साहन और आंगनवाड़ी सेवाओं की गुणवत्ता सुधार को प्राथमिकता बनाते हुए हर चरण की मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए. जिन क्षेत्रों में कुपोषण ज्यादा है, वहां विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए गए.

लाड़ली लक्ष्मी योजना की लाभार्थी बेटियों के ड्रॉप आउट मुद्दे पर भी मुख्यमंत्री ने जवाबदेही तय करते हुए सख्त निगरानी रखने को कहा है. उन्होंने निर्देश दिया कि जिस इलाके में गिरावट दिखे, वहां तुरंत सुधारात्मक कदम उठाए जाएं.

PM JANMAN मॉडल को केंद्र स्‍तर पर सराहा गया

बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि PM JANMAN भवनों की डिज़ाइन और मॉनिटरिंग मॉडल को केंद्र स्तर पर सराहा गया है. भवन निर्माण की निगरानी के लिए अत्याधुनिक डिजिटल सिस्टम लागू हुआ है, जिसमें 20 मीटर जियो-फेंसिंग आधारित उपस्थिति व्यवस्था भी शामिल है, जो पारदर्शिता की मिसाल बनी है.

आगामी वर्षों के लिए सरकार ने बड़े लक्ष्य तय किए हैं. वर्ष 2026 से शहरी आंगनवाड़ियों में सेंट्रल किचन से गर्म भोजन देने की व्यवस्था शुरू की जाएगी. ‘विजन 2047’ के तहत शाला पूर्व शिक्षा को मजबूत करने के लिए विकास कार्ड आधारित मूल्यांकन लागू किया जा रहा है. साथ ही, अगले तीन वर्षों में 9,000 नए आंगनवाड़ी भवन बनाने की योजना है.

बैठक में विभाग देखी गई विभाग की उपलब्धियां

बैठक में विभाग की उपलब्धियां भी साझा की गईं. PMMVY के माध्यम से 9.70 लाख गर्भवती महिलाओं को 512 करोड़ रुपए से अधिक की सहायता दी गई. लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत जनवरी 2024 से नवंबर 2025 तक 36,778 रुपये करोड़ की राशि सीधे महिलाओं के खातों में भेजी गई. महिला हेल्पलाइन और वन स्टॉप सेंटरों के माध्यम से बड़ी संख्या में महिलाओं को सुरक्षा और कानूनी सहायता प्रदान की गई है. ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान में पौधारोपण, ड्राइविंग लाइसेंस प्रदान करने और प्रतियोगी परीक्षा प्रशिक्षण जैसी पहलें व्यापक स्तर पर प्रभाव डाल रही हैं.

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मुख्यमंत्री ने समीक्षा के अंत में स्पष्ट किया कि पारदर्शिता, तकनीकी सुधार और पोषण जैसे संवेदनशील विषयों पर कोई समझौता नहीं होगा. उन्होंने विभाग को तेज़, प्रभावी और समयबद्ध कार्यवाही के निर्देश देते हुए कहा कि लक्ष्य सिर्फ योजनाएं चलाना नहीं, बल्कि उनकी वास्तविक सफलता सुनिश्चित करना है.

सीएम मोहन यादव ने ली सहकारिता विभाग की बैठक

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने महिला बाल विकास विभाग के बाद सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक की है. इस बैठक में सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग भी उपस्थित थे. बैठक के दौरान अपैक्स बैंक द्वारा राज्य सरकार को 427 करोड़ रुपये की डिविडेंड राशि का चैक सौंपा गया. साथ ही जबलपुर, रीवा, सतना, ग्वालियर, दतिया और शिवपुरी के 06 जिला सहकारी बैंकों के अधिक मजबूत बनाने का निर्णय लिया गया. इन प्रत्येक बैंकों को शासन द्वारा 50 करोड़ रुपये की अंश पूंजी प्रदान की जाएगी.

बैठक में जिला सहकारी बैंकों को मर्ज़ कर प्रदेश स्तर पर एक बड़े सहकारी बैंक के गठन के संबंध में भी चर्चा हुई. मुख्यमंत्री ने विधिक और वित्तीय पहलुओं को ध्यान में रखते हुए इस प्रस्ताव पर गंभीर विचार करने और इसे आगामी तीन वर्षों के लक्ष्य में शामिल करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने सोसायटियों में ग़बन से किसानों के संरक्षण हेतु लागू न्याय योजना की सराहना की है.

सीएम ने बैठक में दिए निर्देश

सीएम ने निर्देश दिए कि सहकारी सोसायटियों के कर्मचारियों और पदाधिकारियों की अचल संपत्ति का विवरण प्रत्येक वर्ष अनिवार्य रूप से लिया जाए. साथ ही ग़बन अथवा शॉर्टेज की स्थिति में उनकी अचल संपत्ति को कुर्क कर वसूली की कार्यवाही की जाए. बैठक के दौरान सहकारिता क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ाने, किसानों के हितों की रक्षा करने और संस्थागत सुधारों पर भी विस्तृत चर्चा हुई.

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