CM Mohan Yadav Exclusive: मध्य प्रदेश में बीजेपी सरकार के दो साल पूरे होने पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने विस्तार न्यूज़ से बात की. सीएम मोहन यादव ने नक्सलवाद, कैबिनेट विस्तार, आगामी एजेंडा समेत राजनैतिक, सामाजिक और विकास के मुद्दे पर खुलकर बात की. विस्तार न्यूज़ के ग्रुप एडिटर ब्रजेश राजपूत ने सीएम से कई विषयों पर चर्चा की.
‘दोबारा नक्सली गतिविधि ना हो, ऐसा इंफ्रास्ट्रक्चर बना रहे’
सीएम मोहन यादव ने कहा कि यह बात सही कि चुनौती बहुत बड़ी थी और असंभव जैसी थी. जब मैं अधिकारियों से बात करता था, तब वो कहते थे कि साहब यह बताओ कि इतने बड़े लाखों किलोमीटर में फैले हुए इलाके में 10-20 आदमी घूम रहे हैं. जंगल में जानवर भी घूम रहे हैं. फॉरेस्ट भी बहुत घना है. कैसे निकालेंगे? हमने कहा हम नहीं जानते हैं. कुछ भी करो इनको जीरो करना है. यह बताओ कैसे करेंगे? क्या करेंगे?
उन्होंने आगे कहा कि माननीय गृह मंत्री जी को धन्यवाद देना चाहूंगा. जिन्होंने सदैव इस बात को सपोर्ट किया कि हमें इसे टाइम लिमिट के भीतर खत्म करना है. इसको ऐसे स्लो में नहीं रखना है. माननीय प्रधानमंत्री और माननीय गृह मंत्री ने मदद की और आज वो स्थिति आई. मैं मान के चलता हूं कि 42 दिन में 42 नक्सलियों का सरेंडर होना और 10 दुर्दांत नक्सलियों का एक साल में सफाया कर देना, यह हमारे पुलिस फोर्स की, आम जनता के सहयोग की और सरकार की दृढ़ इच्छा शक्ति का परिचायक है.आज की स्थिति में तो हम भारत सरकार के आंकड़े पर बात कर रहे हैं. उस तरह की स्थिति में आज हम मध्य प्रदेश को उससे बाहर ले आए. हमको हमारे राज्य के अंदर दोबारा ऐसी कोई गलत गतिविधि पनपे नहीं, इसके लायक इंफ्रास्ट्रक्चर बनाना और उस पर हम आगे बढ़ेंगे.
‘सिंचाई की क्षमता हम बढ़ा रहे हैं’
सीएम ने फसल उत्पादन और कृषि विकास के बारे में कहा कि हमारा एग्रीकल्चर ग्रोथ रेट अगर तेज है और वह आगे बढ़ाना है तो सिंचाई की क्षमता हम बढ़ा रहे हैं. हमको फसल का उत्पादन और उत्पादित फसल का ठीक दाम दिलाने के लिए उसके लायक बाजार भी बनाना पड़ेगा. प्रोसेसिंग यूनिट बनानी पड़ेगी. मुझे संतोष है कि वो सब तरह से हम कर रहे हैं. उसका लाभ भी मिलेगा.
‘8 लाख करोड़ का इन्वेस्टमेंट जमीन पर आ गया है’
मध्य प्रदेश में निवेश के संदर्भ में सीएम मोहन यादव ने कहा कि आज की स्थिति में 8 लाख करोड़ का इन्वेस्टमेंट जमीन पर आ गया है. 6 लाख करोड़ पर काम चालू है. 2 लाख करोड़ के भूमि पूजन लोकार्पण के लिए हमने गृह मंत्री को आमंत्रित किया है. ये अपने आप में बहुत बड़ा अचीवमेंट है. किसी भी प्रदेश के अंदर इतना बड़ा इन्वेस्टमेंट इतने कम टाइम में नहीं आया जितना हमारे यहां आया है.
उन्होंने आगे कहा कि हमने हर चीज में टारगेट डिसाइड किए हैं. हमने 5 साल में बजट को डबल करने की बात कही है. जो बजट है वह 5 साल में डबल कर देंगे. हमने अपने इंडस्ट्रियलाइजेशन से लेकर के जहां खर्चे की कटौती हो सकती है, सरकार के फायदे हो सकते हैं या जहां सरकार की प्रोग्रेस से देश में हमारा नाम हो सकता है. ऐसे प्रत्येक क्षेत्र को पकड़ के हम चल रहे हैं.
‘किसी यात्री को कष्ट नहीं हो, सानंद पूरा आयोजन संपन्न हो’
साल 2028 में उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ कुंभ मेले के बारे में सीएम ने कहा कि ये सिंहस्थ हमारा आपका नहीं है ना मध्य प्रदेश का है ना देश का है, यह दुनिया का सबसे बड़ा मेला है. दुनिया के सबसे बड़े मेले में यह गर्व है कि मध्य प्रदेश में उज्जैन को मिल रहा है तो ऐसे में हमारा फर्ज बनता है कि हम वो सारे प्रबंध प्रबंधन करें. जिसमें किसी भी तरह से किसी यात्री को कष्ट नहीं हो. सानंद पूरा आयोजन संपन्न हो जाए और फिर दूरगामी दृष्टि से राज्य को उसका लाभ मिले, नगर को लाभ मिले. हम वो सब स्थाई काम कर रहे हैं, जिसके आधार पर हमारे राज्य को लाभ मिले.
उन्होंने आगे कहा कि लोग स्नान करने शिप्रा जी में आते हैं और शिप्रा जी के जल से स्नान करें. सबकी इच्छा होती है लेकिन चार सिंहस्थ से तीन बार तो गंभीर के जल से स्नान कराया, एक बार नर्मदा जी से कराया तो स्नान तो हो जाता कार्यक्रम भी हो जाता लेकिन मन में लोगों को ये कसक रहती है कि अच्छा नहीं है तो हम प्रयास कर रहे हैं कि शिप्रा जी के स्नान से मन का जो भाव है, पवित्रता का भाव है, वो और मजबूत हो.
समीक्षाएं चल रही हैं- सीएम
मध्य प्रदेश में कैबिनेट विस्तार के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि समीक्षाएं चल रही है और कुछ संगठन के अगले निर्णय भी होने वाले हैं, तो कुछ समय का प्रतीक्षा करो रिजल्ट आएगा.
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‘बच्चों को पढ़ाएं-लिखाएं, आगे बढ़ाएं’
छोटे बेटे के शादी सामूहिक विवाह कार्यक्रम में कराने पर सीएम ने कहा कि मैंने बड़े बेटे का विवाह भी 50 लोगों के साथ किया था. हमारे बच्चे भी संस्कारित हैं और हमारे परिवार का वातावरण भी है. मैं जब खुद पब्लिक में बोलता हूं कि कभी भी मौत-मैय्यत पर फालतू खर्चा मत करो. शादी आडंबर दिखावा से क्या फायदा इसको मत करो. मैं कोशिश करता हूं बड़ी शादियों में ना जाऊं, मैं इसको टालता भी हूं. क्योंकि ये हम लोग बड़े लोग इसको जितना माहौल इस टाइप से बनाते हैं. बाद की पूंजी या बाद की पीढ़ियों के लिए तकलीफ होती है. तो बेहतर ये होगा कि हम इससे बचे या अनावश्यक दिखावे से बचें और इस पैसे से हम अपने परिवार के लिए जो बेहतर हो सकता है वो करें. बच्चों को पढ़ाए लिखाए आगे बढ़ाएं. कोई अच्छा निर्णय करें, अच्छा काम करें. वो अच्छी बात है.
