MP News: मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने एक पॉडकास्ट (Podcast) में हिस्सा लिया. उन्होंने कई सारे सवालों के जवाब दिए. इसमें उनसे राजनीति से लेकर धर्म और महाकाल मंदिर से लेकर पेंशन व्यवस्था को लेकर सवाल पूछे. सारे सवालों का जवाब उन्होंने बड़े अनोखे और बेवाक तरीके से दिया.
‘सभी यादवों का जुड़ाव यूपी से है’
सीएम से यूपी से जुड़ाव का प्रश्न किया तो उन्होंने कहा कि सभी यादवों का जुड़ाव यूपी से है. सभी यदुवंशियों का संबंध यूपी से है. यदुवंशियों क्या है? इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि ये सारी बातें राजा ययाति के समय से शुरू होती है. इस देश में दो ही वंश हैं एक चंद्रवंशी और दूसरा सूर्यवंशी. एक समय था जब चंद्रवंशियों को संबंध अरब तक था. आज ये बात अतिश्योक्ति लग सकती है.
‘मैकाले ने संकट के पहाड़ खड़े किए’
पेंशन के मुद्दे पर सीएम ने सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मैं आपको बताना चाहता हूं कि ये सब मैकाले के खड़े किए संकटों के पहाड़ हैं जिनपर हम चढ़ना चाहते हैं. उसका कोई रास्ता नहीं है. मैकाले ने ये संकट खड़े किए. शिक्षा की व्यवस्था बिगाड़ी और नौकरी व्यवस्था बिगाड़ने का श्रेय भी मैकाले को जाता है. इससे पहले ये व्यवस्था नहीं थी. पहले के जमाने में बड़े पदों पर रहने वालों को या तो जमीन मिल जाती थी या गांव मिल जाते थे. उसी से उनका गुजर बसर होता था. तन्ख्वाह आधारित व्यवस्था चलाना और इसी सिस्टम में सबका समाधान खोजना ये गलत है. पेंशन का संकट ये अतीत से जुड़ा है. हमें लोगों को स्वाबलंबी बनाना है.
‘सभी सरकारी नौकरी नहीं दे सकते’
युवाओं को सरकारी नौकरी देने के सवाल पर कहा कि मेरी सरकार के गठन के बाद सरकारी नौकरी के लिए एक लाख पदों पर वैकेंसी निकाली. सालों से विज्ञापन नहीं निकल रहे थे. हम भर्ती कराते हैं. हमारा संकल्प है कि 2.70 लाख पद पर भर्ती करेंगे. इन पदों पर भर्तियां 5 साल में की जाएगी. हमारे राज्य में डेढ़ करोड़ युवा है. सभी पदों पर शत-प्रतिशत भर्ती कर दें फिर भी सभी को नौकरी नहीं मिल पाएगी. हम गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी के लिए मिशन मोड पर काम कर रहे हैं.
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‘जो बातें सही नहीं हैं उन पर भी काम करते जा रहे हैं’
मंत्री और विधायकों की पेंशन पर बात करते हुए कहा कि कांग्रेस के समय से ये परंपरा चल रही थी कि मंत्री-मुख्यमंत्री जो व्यापार करते थे उनका इनकम टैक्स सरकार भरती थी. लेकिन हमने इसे बंद किया. जब व्यवसायी थे तब हम अपना टैक्स भरते थे. आज हम मंत्री और मुख्यमंत्री बन गए तब सरकार क्यों टैक्स भरे. जो बातें सही नहीं हैं उन पर भी काम करते जा रहे हैं. ये अतीत की चली व्यवस्था है. हम इन सब पर जवाब खोजेंगे.
‘लाडली बहना योजना जारी रहेगी’
लाडली बहना योजना के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिन बहनों की उम्र 60 साल से ऊपर हो गई है, उनके नाम अलग किए जा रहे हैं. यही कारण है लगातार संख्या घटती जा रही है. अभी 1.29 करोड़ लाडली बहनों को राशि दी जा रही है. ऐसा कोई निर्णय नहीं है जिसमें योजना को बंद किया जाए.
‘मैं भाग्यशाली हूं कि मेरा मार्गदर्शन करने के लिए सब उपलब्ध हैं’
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान से तुलना पर सीएम ने कहा ये हमारे देश का कल्चर है. देश ने बीजेपी के दो पीएम देखे. एक अटल बिहारी बाजपेयी और दूसरे नरेंद्र मोदी. मैंने नरेंद्र मोदी के साथ काम किया है. मैं उनके वर्क कल्चर के बारे में बता सकता हूं. मैं भाग्यशाली हूं कि मेरा मार्गदर्शन करने के लिए सब उपलब्ध हैं. मैं उज्जैन से आता हूं. विक्रमादित्य की नगरी से. जहां ये कहा जाता है कि यदि सिंहासन पर गड़रिया भी बैठेगा तो न्याय करेगा .
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‘सरकार जनता की भावना से चलती है’
गांवों के नाम बदलने को लेकर सीएम ने कहा कि मैंने जब पूछा कि मौलाना गांव में कोई मुस्लिम है तो लोगों ने कहा नहीं. किसी का नाम मौलाना है तो लोगों ने कहा नहीं. जहांगीरपुर में भी कोई मुस्लिम नहीं है. जब जहांगीर उज्जैन आया कब्जा करने तब ये नाम रखा गया. गजनीखेड़ा का नाम चामुंडा नगरी थी. जब गजनी गुजरात में लूट करके उज्जैन के रास्ते अफगान गया तो यहां तीन दिनों तक रुका तो यहां का नाम गजनी खेड़ा कर दिया. वहां चामुंडा देवी का विशाल मंदिर है. सरकार जनता की भावना से चलती है. जनता ने तय किया है.
‘हम व्यवस्था के खिलाफ लड़ रहे हैं’
महाकाल मंदिर में व्यवस्था को लेकर सीएम ने कहा कि हमने काफी बदलाव और सुधार किए हैं. हमने ख्याल भी रखा है कि महाकाल की नगरी पर ध्यान पूरे देश का जाए, इसके लिए कई प्रकार के विकास कार्य भी किए हैं. मंदिर में कई व्यवस्थाओं को बनाया गया. भस्म आरती के लिए काफी आकर्षण रहता है. सारी क्षमता के बाद भी हम 2200 से ज्यादा लोगों को परमिशन नहीं दे सकते हैं.चलित भस्म आरती शुरू की.
उन्होंने आगे कहा कि गर्भगृह के अंदर जाने का आकर्षण था. इससे विवाद भी होता था. हमने गर्भगृह से दर्शन ही बंद करवा दिए. बाहर से ही दर्शन कीजिए. कुछ VVIP के कारण कष्ट आता है. व्यवस्था के खिलाफ लड़ रहे हैं.
