MP News: मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के निर्देश पर राजधानी में 7 और 8 अक्टूबर को होने वाली कलेक्टर कमिश्नर कॉन्फ्रेंस का पैटर्न बदल दिया है. बदले हुए पैटर्न के मुताबिक अब मंत्रालय की अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रमुख सचिव और सचिव कम बोलेंगे, बल्कि सभी कलेक्टरों को तीन-तीन मिनट में अपनी बात कहने का मौका मिलेगा. कलेक्टर गुड गवर्नेंस के लिए किया जा रहे नवाचार मुख्यमंत्री को बताएंगे.
CM मोहन यादव करेंगे समीक्षा
दो महीने बाद मुख्यमंत्री खुद से कलेक्टरों के कामकाज की समीक्षा करेंगे. कमजोर काम करने वाले कलेक्टर को चिन्हित कर उन्हें बदल जाएगा. कलेक्टर कमिश्नर कांफ्रेंस के लिए पहले जो स्वरूप पर किया गया था, उसमें दो दिन में कुल 8 सत्र होने थे. 7 अक्टूबर को सुबह 9 बजे उद्घाटन के बाद स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, ग्रामीण विकास और ट्राइबल में 75-75 मिनट और कानून व्यवस्था पर 180 मिनट का सत्र प्रस्तावित था. दूसरे दिन 8 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक सत्र में नगरीय विकास, रोजगार, उद्योग और निवेश, कृषि और उससे जुड़े गुड गवर्नेंस पर 75-75 मिनट के सत्र प्रस्तावित थे.
कॉन्फ्रेंस के बाद अफसर के कामकाज की मोहन यादव द्वारा 2 महीने बाद फिर से समीक्षा की जाएगी और उनकी रैंकिंग होगी, जो क्रियांगन में कमजोर रहेंगे उन्हें बदल जाएगा. अगले 2 महीने में किए जाने वाले कार्यों के लिए लक्ष्य भी तय किया जाएगा.
आठ अफसर को बनाया गया समन्वयक
कलेक्टर कमिश्नर कांफ्रेंस के उद्घाटन सत्र के समन्वयक अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय शुक्ला, स्वास्थ्य एवं पोषण सेक्टर के प्रमुख सचिव संदीप यादव, शिक्षा के लिए सचिव स्कूल शिक्षा संजय गोयल, ट्राइबल और महिला बाल विकास के मुद्दे पर अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपाली रस्तोगी, कानून व्यवस्था पर अतिरिक्त मुख्य सचिव शिवशेखर शुक्ला, शहरी विकास में अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय दुबे, निवेश प्रोत्साहन उद्योग रोजगार में प्रमुख सचिव राघवेंद्र सिंह, कृषि के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल, गुड गवर्नेंस पर अतिरिक्त मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विभाग संजय शुक्ला, समन्वयक बनाए गए हैं.
उनके साथ दो से चार अफसर की टीम भी शामिल है. कलेक्टर कमिश्नर कॉन्फ्रेंस में इस बार भौतिक रूप से सभी प्रमुख सरकारी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, कलेक्टर, कमिश्नर, पुलिस अधीक्षक, आईजी, पुलिस कमिश्नर जिला, पंचायत सीईओ और नगर निगम आयुक्त शामिल होंगे.
कंक्लूजन, कमिटमेंट पर भी रहेगी सीनियर्स की नजर
हर सत्र के लिए एक घंटे 15 मिनट का समय तय किया गया है. अब जो विभाग बार समूह बनाए गए हैं, उनमें उसे समय केवल 20 मिनट का समय दिया गया है. इससे समूह से जुड़े हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और एच ओ डी अपनी प्राथमिकता विजन और रिव्यू करेंगे. हर कलेक्टर को 3 मिनट का समय दिया गया है, इसके लिए हर सेक्टर में 6 कलेक्टर तय किए गए हैं जो अपनी बात रखेंगे. पहली बार कलेक्टर बनने वाले अफसर को मौका नहीं मिलेगा. 10 मिनट का सत्र कंक्लुजन, कमिटमेंट और आगे किस तरीके से काम होना है.
7 अक्टूबर को कॉन्फ्रेंस शुरू होगी
इसमें मुख्यमंत्री मुख्य सचिव को बोलने के बाद अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव को अपनी बात रखने के लिए केवल 3 मिनट का समय मिलेगा. हर सत्र के समापन और सत्र से शुरू होने के बीच 15 मिनट का अंतराल रहेगा. 7 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से कॉन्फ्रेंस शुरू होगी जिसमें शाम 6 बजे तक पांच सत्र होंगे. दूसरे दिन सुबह 10 से शाम 5:30 तक सत्र होंगे. सभी सेक्टर से जुड़ी जानकारी और राज्य केंद्र सरकार की योजनाओं पर क्रियान्वयन पर चर्चा होगी.
मुख्यमंत्री ने दिया मौका आखिर बन गए कलेक्टर
नवरात्रि के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मातृशक्ति को बढ़ावा देते हुए राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रमोट हुई चार महिला अधिकारियों को कलेक्टर बनाया है. उषा परमार, नीतू माथुर, जमुना भिड़े, अंजू पवन भदोरियों को जिले की कमान देते हुए कलेक्टर बनाया. खास बात यह है कि यह महिला आईएएस अफसर है जो पहली बार जिलों की कलेक्टर बनी है. इन्हें कलेक्टर बनने के लिए केवल 1 साल का ही मौका था, जिससे अब यह कलेक्टर बन गई है.
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अफसर को भी कलेक्ट्ररी का मौका मिला
मुख्यमंत्री मोहन यादव के दखल के बाद राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा में आए अफसर को भी कलेक्ट्ररी का मौका मिला है. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के उप सचिव रहे नीरज वशिष्ठ को भी पांढुर्णा जिले का कलेक्टर बनाया है.
