MP News: शुक्रवार यानी 24 जनवरी को खरगोन जिले के महेश्वर (Maheshwar) में कैबिनेट बैठक (Cabinet Meeting) हुईं. इसकी अध्यक्षता सीएम डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने की. कैबिनेट ने प्रदेश के 17 धार्मिक शहरों में शराबबंदी को मंजूरी दी. इसके बाद राजनीति गरमा गई है.कांग्रेस अभिनव बरोलिया ने इसे लेकर सवाल उठाए हैं. वहीं बीजेपी की ओर से पलटवार किया गया है.
‘बार में शराब पिलाने को लेकर सरकार का निर्णय नहीं’
धार्मिक शहरों में शराबबंदी को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव बरोलिया ने निशाना साधते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में सरकार की शराबबंदी के फैसले पर अब संदेह नीति जैसी स्थिति बन गई है. शराबबंदी को लेकर सरकार ने कहा है कि धार्मिक क्षेत्र के आसपास दुकान नहीं खोली जाएगी लेकिन उज्जैन के काल भैरव और श्रद्धालुओं की श्रद्धा का आखिर क्या होगा. यह अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है.
उन्होंने आगे कहा कि हालांकि शराब की दुकान धार्मिक क्षेत्र में बंद की जाएंगी. लेकिन रेस्टोरेंट और बार में शराब पिलाने को लेकर सरकार ने अभी तक कोई फैसला नहीं किया है.
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सरकार की इस नीति पर कांग्रेस सवाल उठा रही है कि आखिर सरकार अपनी नीति स्पष्ट करें. कांग्रेस का आरोप है कि मध्य प्रदेश को मद्य प्रदेश बनाने को लेकर यह नीति बनाई जा रही है. जनता शराब पीकर पड़े रहे यह सरकार की नीति है. इसके साथ ही मध्य प्रदेश में अवैध रूप से शराब का कारोबार भी बढ़ेगा. कांग्रेस ने इस पर भी चिंता जताई है.
कांग्रेस शराब ठेकेदारों के साथ- बीजेपी
भाजपा प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि सरकार हर मसले पर चर्चा करके नियमों संशोधन करेगी. अगर कहीं पर भी बार संबंधी विषयों को लेकर सरकार के पास जानकारी पहुंचेगी तो इस पर जरूर सरकार फैसला करेगी. मध्य प्रदेश में 17 धार्मिक नगरी में शराब बंदी का फैसला सरकार ने किया है. सरकार शराबबंदी की ओर भी बढ़ रही है.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस शराबबंदी से होने वाले नुकसान को लेकर चिंतित है क्योंकि कांग्रेस शराब ठेकेदारों के साथ है. इसी कारण से शराबबंदी के फैसले को लेकर कांग्रेस विरोध कर रही है.
