MP News: मध्य प्रदेश में कांग्रेस फिर से सशक्त बनाने के लिए कवायद तेज हो गई है. संगठन स्तर पर कई अहम कदम उठाए जा रहे हैं. पार्टी ने संगठन को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है. जिला अध्यक्षों के चयन को लेकर नई गाइडलाइन जारी की गई हैं. अब भाजपा से नजदीकी रखने वाले नेता इस पद की दौड़ से बाहर हो जाएंगे. पार्टी नेताओं के लिए निर्देश जारी किए गए है.
गुजरात मॉडल लागू करने की तैयारी
दरअसल, गुजरात में 40 में से 36 जिलों में नए अध्यक्ष बनाए गए हैं, सिर्फ 4 पुराने चेहरों को दोहराया गया है. अब यही मॉडल मध्य प्रदेश में अपनाया जा रहा है. संगठन सृजन अभियान के तहत पार्टी ने 4 लाख से ज्यादा कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद किया है. हर जिले से 6 नामों का पैनल 30 जून तक दिल्ली भेजा जाएगा. राष्ट्रीय पर्यवेक्षक गांव-गांव जाकर योग्य चेहरों की तलाश में जुटे हैं.
पैनल करेगा नाम का चयन
मध्य प्रदेश कांग्रेस, संगठन के सृजन के लिए जुटी हुई है. इसके साथ ही जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए गाइडलाइन भी जारी कर दी गई हैं. जिलाध्यक्षों के चयन के लिए पैनल बनाया जिनके पास ऑब्जर्वर्स नाम भेजेंगे. ऑब्जर्वर्स, पैनल के पास 6 से ज्यादा नाम नहीं भेज सकेंगे. पर्यवेक्षक पैनल बंद लिफाफे में AICC को रिपोर्ट सौंपेंगे. चयन कांग्रेस के बड़े नेताओं की गुटबाजी से हटकर होगा. इन सबके बीच जिस बात पर सबसे ज्यादा जोर दिया जा रहा है वह ये है कि बीजेपी के करीबी नेताओं को जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी.
‘संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करना है’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि हमारा लक्ष्य संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करना है. नए, समर्पित और विचारधारा से जुड़े कार्यकर्ताओं को आगे लाया जाएगा.
बीजेपी विधायक ने साधा निशाना
वहीं बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस अब खत्म होने की कगार पर है. उन्होंने कहा “कांग्रेस अब किसे छांटेगी? जो छांटने लायक थे, वो पहले ही बीजेपी में आ गए हैं. अब सिर्फ नाम की कांग्रेस बची है.”
