Ratlam News: इस बार होली का त्योहार और जुमे की नमाज एक ही दिन हो रही है. ऐसा मौका 64 साल बाद सामने आया है. इसे लेकर राजनीतिक बयानबाजी सामने आ रही है. वहीं रतलाम के शहर काजी ने एक फतवा जारी किया है. इस पर बवाल हो गया है. जुमे की नमाज पर होली को जारी इस फतवे में होली के रंगों की तुलना कचरे से कर दी है.
‘आका का ईमान कचरा फेंकने से खराब नहीं हुआ’
रतलाम के शहर काजी मौलवी सय्यद अहमद अली ने फतवा जारी करते हुए कहा कि जैसा कि आप जानते है ये मुबारक महीना रमजान का चल रहा है. आने वाली 14 मार्च को जुमा और होली एक ही दिन है. लिहाजा आप मुस्लिम अवाम से खास अपील है कि अगर आप पर गलती से किसी हिंदू भाई से रंग पड़ जाय तो बगैर बुरा माने मुस्कुराकर अख़लाक़ ए एहसन का मुज़ाहैरा करते हुए आगे बढ़ जाएं.
आगे लिखा कि अगर जानबूझकर भी आप पर कोई रंग डाल दे तो आप अपने आका के एक मशहूर वाकये को याद करें. जब आप जब मदीने की गलियों से गुजरा करते थे तो एक बूढ़ी आप पर गंदा कचरा फेंक करती थी. जब आका का ईमान गंदे कचरे से खराब नहीं हुआ. अपने बुरा नहीं माना तो आप उनके उम्मती होने के नाते सब्र और अखलाक-ए-एहसन का मुजाहैरा करके आगे बढ़ जाएं.
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रमजान के माहे मुबारक का ख्याल करते हुए ज्यादा से ज्यादा नमाज पढ़ें, मस्जिदों को आबाद करें. फ़ितनों और फसाद से बचें. रतलाम शहर काजी की मुस्लिम भाइयों से अपील है कि शहर में शांति और भाईचारे के रिवाज को बनाए रखें
‘बहुसंख्यक आबादी को चिढ़ाने की कोशिश हो रही है’
मोहन सरकार में कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि मुझे लगता है कि देश में कुछ तत्व सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं. होली केवल हिंदुओं का त्योहार नहीं है. होली वो पर्व है जो सदियों से मनाते हुए आ रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि हमें ऐसे बयान नहीं के बारे ध्यान रखना चाहिए इससे बहुसंख्यक आबादी की भावानाएं आहत तो नहीं हो रही हैं. मैं फिर से कहूंगा कि आपको रंग से दिक्कत से है तो घरों से मत निकलिए.
