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Cough Syrup Case: एमपी के सरकारी अस्पतालों में 4 कफ सिरपों के डिस्ट्रीब्यूशन पर रोक, सॉफ्टवेयर से भी हटाई गईं दवाएं

COUGH SYRUP (Symbolic picture.)

कफ सिरप (सांकेतिक तस्वीर)

Cough Syrup Case: मध्य प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप से अब तक 25 बच्चों की मौत हो चुकी है. इस मामले में राज्य सरकार ने अब बड़ा एक्शन लिया है. सरकार ने सरकारी अस्पतालों में चार और कफ सिरपों के वितरण पर रोक लगा दी है. इन कफ सिरपों को हॉस्पिटल में मरीजों को बांटा जाता था. वितरण पर रोक वाली इन दवाओं की 5 लाख बोतलें अभी भी स्टोर में हैं.

इन दवाओं पर रोक लगाया गया

प्रदेश सरकार ने खांसी के इलाज के लिए दी जाने वाली डेक्स्ट्रोमेथॉर्फन बेस्ड सिरप की सप्लाई पर रोक लगा दी है. इन चार दवाओं में क्लोर्फेनिरामीन, डेक्स्ट्रोमेथॉर्फन हाइड्रोब्रोमाइड, डेक्स्ट्रोमेथॉर्फन (10 एमजी) और डेक्स्ट्रोमेथॉर्फन (60 एमएल) हैं. वर्तमान में सरकारी अस्पतालों में दो सिरप सप्लाई की जाती है, इनमें ब्रोम्हेक्सिन और एम्ब्रोक्सोल गुआइफेनेसिन हैं. दोनों कफ सिरप सूखी खांसी और बलगम वाली खांसी के लिए उपयोगी है.

सॉफ्टवेयर से इन दवाओं को हटाया गया

मध्य प्रदेश पब्लिक हेल्थ सर्विसेज कॉर्पोरेशन (MPPHSCL) ने बिना किसी लिखित के इन दवाओं की सप्लाई रोक दी है. सॉफ्टवेयर पर इन दवाओं को लॉक कर दिया गया है, ताकि कोई इन्हें सप्लाई ना कर सके. इन दवाओं की फिलहाल लैब में टेस्टिंग हो रही है. रिपोर्ट सही पाई जाती है तो इन्हें दोबारा मरीजों को दिया जाएगा. जहां सरकारी सिस्टम में ये दवाएं नहीं वितरित की जा रही हैं, वहीं रिटेल मार्केट में इनकी बिक्री जारी है.

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अब हर कफ सिरप होगी जांच

केंद्र सरकार ने अपनी नीति में बदलाव किया है. अब हर कफ सिरप में डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) और एथिलीन ग्लाइकॉल (EG) की जांच की जाएगी. हर राज्य से इस बारे में रिपोर्ट मांगी गई थी और कफ सिरप के नाम मंगाए गए थे. ड्रग कंट्रोलर दिनेश श्रीवास्तव ने 9 अक्तूबर को भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) को विस्तृत रिपोर्ट भेजी थी.इस रिपोर्ट में कोल्ड्रिफ सिरप बैच SR-13 में 46.28 फीसदी DEG मिला था. 10 अक्टूबर 2025 को औषधि महानियंत्रक ने तुरंत संज्ञान लिया था.

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