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अजब-गजब MP! दमोह में 21 करोड़ की लागत से बना पुल, फिर भी 2 साल से जनता कर रही इंतजार, वजह हैरान कर देगी

People walking next to the bridge built at a cost of Rs 21 crore.

21 करोड़ की लागत से बने पुल के बगल से पैदल चलते लोग.

MP News: मध्य प्रदेश वाकई अजब-गजब है. मध्य प्रदेश के दमोह जिले से सरकारी काम में लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है. हटा-गैसाबाद-सिमरिया मार्ग पर लगभग 21 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था, पुल बने 2 साल का वक्त बीत चुका है. लेकिन सरकारी काम में लापरवाही के कारण जनता अभी भी पुल का इसका इस्तेमाल नहीं कर पा रही है.

इंजीनियरिंग स्तर पर गलती, जनता भुगत रही सजा

हटा-गैसाबाद-सिमरिया मार्ग पर रैकरा गांव के पास 225 मीटर लंबा पुल लगभग 21 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था, लेकिन यह अभियंता (engineering) की गंभीर गलती के कारण पिछले दो साल से जनता के उपयोग में नहीं आ पाया है. पुल को निर्धारित दिशा के बजाय गलत दिशा में मोड़ दिया गया, जिससे यह सही ढंग से सड़क नेटवर्क से जुड़ नहीं सका और सड़क अब खतरनाक S-आकार में बदल गई है.

डिजाइन की गलती से हुआ सड़क मार्ग में बदलाव

स्थानीय प्रशासन के मुताबिक इस पुल का निर्माण सही दिशा में होना था, लेकिन डिजाइन और निर्माण (design and execution) के दौरान गंभीर चूक के कारण इसे उल्टी दिशा में बना दिया गया. इससे मार्ग का ले-आउट सीधी सड़क के बजाय S-आकार के मोड़ वाला हो गया है, जिसने वाहनों के लिए खतरनाक परिस्थितियां बना दी हैं.

S-आकार मोड़ होने के कारण वाहन चालकों को गति नियंत्रित करने और मोड़ों को संभालने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.

विभागों की लड़ाई के कारण नहीं हो पा रहा समाधान

पुल जिस दिशा में बना है, वहां निजी जमीन मौजूद है. इससे पुल के लिए सीधी एप्रोच रोड बनाना मुश्किल हो गया है. भूमि विवाद और गलत योजना (planning) की वजह से सड़क निर्माण कार्य आगे नहीं बढ़ पाया है. वहीं स्थानीय लोग प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं.

सड़क विभाग और पुल निर्माण विभाग (Bridge Construction Department) के बीच समन्वय की कमी से काम और ज्यादा उलझ गया है. दोनों विभागों के बीच तालमेल ना होने के कारण समस्या का समाधान समय से नहीं किया जा सका है.

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