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MP News: ‘बच्चों की मौत बहुत दुखद घटना’, डिप्टी सीएम राजेन्द्र शुक्ल ने कहा- केंद्र के सभी दिशा निर्देशों का पालन होगा

Deputy CM Rajendra Shukla holding a meeting with officials.

अधिकारियों के साथ मीटिंग करते डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला.

MP News: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, राज्य कार्यालय में आहुत बैठक में वर्तमान परिस्थियों के परिपेक्ष्य में शिशुओं व बच्चों को चिकित्सको द्वारा लिखे जा रहे तथा बाजार में उपलब्ध विभिन्न औषधियों विशेषकर संयोजन औषधियों (काम्बिनेशन मेडिसिन्स) के उपयोग में बरती जाने वाली सावधानियों तथा इस हेतु केंद्र व राज्य सरकार तथा विभिन्न चिकित्सा संगठनों तथा इंडियन एकेडेमी आफ पीडियाट्रिक्स तथा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा जारी दिशा निर्देशो के पालन के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई. चर्चा प्रारंभ करते हुये उपस्थित अधिकारियो तथा शिशु रोग विशेषज्ञो ने विगत समय में प्रदेश में हुई बच्चो की दुखद मृत्यु पर दुख व्यक्त किया. चर्चा में उपस्थित शिशु रोग विशेषज्ञो ने सहमति व्यक्त की कि सरकार द्वारा स्थितियों के सुधार हेतु किये जा रहे प्रयासो में सभी संगठन सरकार के साथ हैं.

‘छिंदवाड़ा की घटना ने झकझोर दिया’

उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने सभी सुझावों को ध्यान से सुनते हुए शासकीय दिशा निर्देशो में आवश्यकतानुसार उन्हें शामिल किये जाने की बात कही. उन्होंने छिंदवाडा की घटना पर दुख व्यक्त करते हुये तथा पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि निश्चित ही यह घटना अत्यंत त्रासदायक है. जिसने उन्हें झकझोर कर रख दिया है. इस घटना के सभी पहलुओ की जांच और करवाई जा रही हैं और सभी दोषियों के विरूद्ध विधिसम्मत कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय व राज्य शासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों के पालन तथा इनका पालन करवाने में इंडियन एकेडेमी आफ पीडियाट्रिक्स तथा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन जैसी संस्थाओं की मदद से ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति से बचा जा सकता है. इंडियन एकेडेमी आफ पीडियाट्रिक्स तथा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन जैसे संस्थाओं में शामिल तकनीकी विशेषज्ञ सुदूर इलाकों में मेडिकल प्रैक्टिस कर रहे चिकित्सको प्रशिक्षित कर इस तरह की घटनाओं को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता हैं.

‘बच्चों की मौत के सभी कारणों का परीक्षण होगा’

प्रमुख सचिव संदीप यादव ने बताया कि छिदवाडा में बच्चों की दुखद मृत्यु के सभी कारणों का गहन परीक्षण करवाया गया है. इसमें भोज्य पदार्थो, पेय जल के साथ-साथ विभिन्न औषधियों की जांचे शामिल हैं. जैसा कि बच्चों के रीनल बायोप्सी रिर्पोट से ज्ञात हुआ है कि बच्चो की मृत्यु एक्यूट टयूबुलर नेक्रोसिस के कारण हुये एक्यूट रीनल फेल्योर के कारण हुई है, जो किसी रासायनिक टाक्सीसिटी की ओर इशारा करती हैं. इसके बावजूद बच्चों में किसी बैक्टीरियल-वायरल-अन्य संक्रमणों के कारण एक्यूट रीनल फेल्योर की आशंकाओ की भी विस्तृत जांच करवाई गई. घटना में यह पाया गया कि विषाक्त रसायन कफ सीरप में उपस्थित था. जिसका भण्डारण व विक्रय अपना मेडिकल स्टोर, स्टेशन रोड, परासिया द्वारा किया जा रहा था. यह मेडिकल स्टोर श्रीमती ज्योति सोनी के नाम पर पंजीकृत था. यह भी पाया गया कि मेडिकल स्टोर में औषधियों के विक्रय हेतु कोई पंजीकृत फार्मासिस्ट भी उपलब्ध नहीं था. इससे स्पष्ट हैं कि बिना किसी औषधि भण्डारण व वितरण के जानकारी वाले तकनीकी व्यक्ति के स्थान पर अनाधिकृत व तकनीकी तौर पर इसके लिये अप्रशिक्षित व्यक्ति द्वारा औषधियों का भण्डारण व वितरण किया जा रहा था. दोषी पाये जाने से इस मेडिकल स्टोर का लाइसेंस निरस्त कर इसे सील कर दिया गया है. जांच के दौरान यह भी पाया गया कि यह पूरा परिसर डा प्रवीण सोनी के आधिपत्य में था तथा उनकी सहमति से यह अवैधानिक कार्य जारी था अत: उनके विरूद्ध भी विधिसम्मत कार्रवाई की जा रही हैं.

बैठक में दिशा-निर्देशों की जानकारी दी गई

बैठक में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा विगत दो वर्षो में जारी निर्देशों की वृहद जानकारी दी गयी. बताया गया कि भारत शासन के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय द्वारा दिसम्बर 2023 में क्लोरफेनरामीन मैलिएट 2 एमजी और फेनिलएफ्रिन हाइड्रोक्लोराइड 5 एमजी के संयोजन औषधि (काम्बिनेशन मेडिसिन) को वर्ष 2023 में ही 4 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए प्रतिबंधित किया जा चुका है. इसके अतिरिक्त्त भारत शासन के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय द्वारा अक्टूबर 2025 में पत्र जारी कर बच्चों में कफ सिरप के उपयोग में सावधानी बरतने की सलाह दी है.

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की शिशु रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ शिखा मलिक द्वारा चिंता व्यक्त करते हुये कहा गया कि औषधियों के काउंटर विक्रय को नियंत्रित किये जाने की आवश्यकता हैं. शिडयूल एच ड्रग केवल चिकित्सक के प्रिस्क्रिप्शन पर ही बेची जानी चाहिए. इसके अतिरिक्त किसी भी फार्मेसी में बनने वाली औषधियों के प्रत्येक बैच की जांच होनी आवश्यक है। डॉ राकेश मिश्रा द्वारा 4 वर्ष से कम उम्र के बच्चो में संयोजन औषधि (काम्बिनेशन मेडिसिन) के प्रतिबंध को पूर्ण तौर पर पालन करवाने पर बल दिया गया। इंडियन एकेडेमी आफ पीडियाट्रिक्स के अध्यक्ष डॉ महेश माहेश्वरी द्वारा जानकारी दी गई कि संयोजन औषधि (काम्बिनेशन मेडिसिन) और अन्य औषधियों के तर्कसंगत प्रयोग हेतु इंडियन एकेडेमी आफ पीडियाट्रिक्स की राष्ट्रीय एवं राज्य शाखा द्वारा पूर्व से ही निर्देश जारी किये जा चुके हैं. समय-समय पर आवश्यकतानुसार इनमें संशोधन किया जाता रहा हैं. इन्होंने भरोसा दिलाया कि यदि शासन अपने दिशा निर्देशो में संशोधन हेतु तकनीकी सहायता चाहेगा तो इंडियन एकेडेमी आफ पीडियाट्रिक्स इसके लिये सहर्ष तैयार हैं. उन्होंने इस हेतु केंद्र एवं राज्य शासन द्वारा जारी सर्कुलर्स का समर्धन किया तथा इसके क्रियान्वयन में सहयोग का आश्वासन भी दिया. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. शिशु रोग विशेषज्ञों में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान से डॉ शिखा मलिक, इंडियन एकेडेमी आफ पीडियाट्रिक्स के अध्यक्ष डा महेश माहेश्वरी, सचिव डॉ दिनेश मेकले, डॉ अम्बर कुमार, डॉ भुपेश्वरी पटेल, गांधी चिकित्सा महाविद्वलय के डॉ मंजूशा गुप्ता, डॉ राकेश टिक्कस और निजी चिकित्सक डॉ राकेश मिश्रा, राकेश सुखेजा, डॉ श्रुति सरकार, डॉ गुफरान अहमद, डॉ राहुल खरे समेत बडी संख्या में शिशु रोग विशेषज्ञ शामिल हुए.

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