Indore News: इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की परीक्षा प्रणाली पर एक बार फिर सवाल खड़ें हो गए हैं. जहां बीएड चौथे सेमेस्टर के छात्र हेमराज दांगी के रिजल्ट में एक गंभीर गलती देखने को मिली है. विश्वविद्यालय ने गलती से किसी दूसरे छात्र की कॉपी के अंक उनके नाम पर जोड़ दिए, जिसके कारण वह पिछले एक महीने से परेशान है और राजस्थान शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में आवेदन भी नहीं कर पा रहे हैं.
किसी और छात्र के अंक चढ़ाए
सितंबर में हुई परीक्षा के बाद अक्टूबर में जब इसका परिणाम जारी हुआ तो एजुकेशन टेक्निक विषय में उन्हें सिर्फ 15 अंक दिए गए. अंक संदिग्ध लगे तो हेमराज ने रिव्यू के लिए आवेदन किया और मूल्यांकन केन्द्र पहुंचकर कॉपी देखने की मांग की. कर्मचारियों ने जो कॉपी उनको दिखाई, वह अंग्रेजी माध्यम के छात्र की थी, जबकि हेमराज ने यह पेपर हिंदी माध्यम में लिखा था. पहले आपत्ति को नज़रअंदाज़ किया गया, लेकिन लगातार तर्क देने और ज़ोर देने पर लगभग दो घंटे की खोजबीन के बाद उनकी वास्तविक कॉपी सामने आई. असली कॉपी में 30 अंक दर्ज थे, जिससे स्पष्ट हो गया कि परिणाम जारी करते समय किसी और छात्र के अंक उनके नाम पर चढ़ा दिए गए.
हिंदी माध्यम में अंग्रेजी माध्यम के अंक जोड़ना गंभीर लापरवाही
छात्र हेमराज का कहना है कि उन्होंने बीएड के सभी सेमेस्टर हिंदी माध्यम से दिए हैं, ऐसे में अंग्रेजी माध्यम की कॉपी उनके नाम से जोड़ देना बेहद गंभीर लापरवाही है. छात्र ने अन्य विषयों की कॉपियां भी दिखाने की मांग की है ताकि किसी और त्रुटि की पुष्टि हो सके.
मामले की शिकायत सहायक कुलसचिव डॉ. विष्णु मिश्रा और बाद में परीक्षा नियंत्रक डॉ. अशेष तिवारी तक पहुंच चुकी है. प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि शिकायत को गंभीरता से लिया गया है और जांच में गलती साबित होने पर परिणाम में संशोधन किया जाएगा. छात्र के अनुसार यह त्रुटि न केवल मानसिक तनाव दे रही है, बल्कि उनके करियर पर भी सीधा असर डाल रही है.
