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MP News: भोपाल में रिटायर्ड BHEL अधिकारी से निर्मला सीतारमण के नाम पर 65 लाख की ठगी, फर्जी CBI अफसर बन जाल में फंसाया

Digital Arrest

डिजिटल अरेस्ट

MP News: राजधानी भोपाल में डिजिटल अरेस्ट का बड़ा मामला सामने आया है. जहां ठगों ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर BHEL के रिटायर्ड अधिकारी से 68.50 लाख रुपये की ठगी की है. ठगों ने पीड़ित दंपती को 2 महीने तक डिजिटल अरेस्ट कर रखा था, इतना ही नहीं ठगों ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के नाम का डर दिखाकर धोखाधड़ी को अंजाम दिया. इसके बाद पीड़ित दंपति ने शुक्रवार को भोपाल साइबर सेल में इसकी शिकायत दर्ज कराई है.

फर्जी दस्तावेज दिखाकर की ठगी

दरअसल, भोपाल के रहने वाले एक दंपति से मनी लॉन्ड्रिंग और ड्रग ट्रैफिकिंग के केस में नाम होने का डर दिखाकर अलग-अलग किस्तों में 68 लाख 50 हजार रुपए की ठगी की. 4 जुलाई से 4 सितंबर तक तो दंपति को डिजिटल अरेस्ट कर रखा था. 2 महीने तक दंपति डिजिटल अरेस्ट के दौरान घर से निकले तक नहीं थे. इसके बाद दंपति को पता चला कि उनके साथ साइबर फ्रॉड हुआ है. ठगों ने अलग-अलग सरकारी विभागों के दस्तावेज दिखाकर ठगी को अंजाम दिया. इसी वजह से रिटायर्ड अधिकारी को उसके साथ ठगी होने का शक नहीं हुआ.

ब्लैक मनी और ड्रग्स का झूठा केस बताया

4 जुलाई को पीड़ित के पास टेलीकॉम डिपार्टमेंट से कॉल आता है. पीड़ित को कहा जाता है कि दिल्ली के नेहरू नगर में आपने कोई सिम रजिस्टर्ड कराई है. जवाब में पीड़ित कहता है हम तो 2 साल से दिल्ली गए ही नहीं हैं. इसके बाद टेलीकॉम डिपार्टमेंट वाले कहते हैं कि आपके आधार से फ्रॉड हुआ है. फिर ठगों ने दिल्ली के नेहरू नगर थाने में शिकायत करने के लिए कहा पीड़ित ने बताया कि टेलिकॉम डिपार्टमेंट के व्यक्ति ने बताया कि नेहरू नगर में हमारा आधार मिसयूज हो रहा है. इसके बाद टेलीकॉम डिपार्टमेंट वाले नहीं हमें नेहरू नगर पुलिस से कनेक्ट किया. नेहरू नगर पुलिस ने कहा कि हम आगे सीबीआई को लाइन कनेक्ट कर रहे हैं. यह मामला सीबीआई देख रही है.

बाद में एक ठग सुनील कुमार गौतम खुद IPS अधिकारी बनकर बताया कि आप तो काफी केस में फंसे हुए. हमने एक मैनेजर को गिरफ्तार किया है उसका नाम संदीप है. उसके घर में जब हमने रेड की तो आपके नाम की पासबुक मिली है. उसमें 6.8 करोड़ का ब्लैक मनी और ड्रग्स का केस इंवॉल्व है और उसमें आपका भी नाम शामिल है. यह सुनकर पीड़ित डर गए.

ठगों ने कहा कि 16 तारीख को आपका अकाउंट आइसीआइसीआइ बैंक में खुला था और इस खाते में मैनेजर ने 6 करोड़ 8 लाख रुपए ब्लैक मनी जमा करवाई थी और मैनेजर आपका नाम मनी लॉन्ड्रिंग में ले रहा है. इसके बाद CBI अधिकारी ने पीड़ित को धमकी दी कि यदि अधिकारी और पीड़ित के बीच चल रही बातचीत को किसी से बताया गया तो आधे घंटे के अंदर दंपति को अरेस्ट कर लेंगे. CBI ने धमकी दी कि यह बैंक मैनेजर बहुत खतरनाक है और इसके चारों तरफ आदमी फैले हुए हैं. अगर आपने हमारा कहना नहीं माना तो मैनेजर संदीप कुमार आपके बच्चों को नुकसान पहुंचा सकता है.

वित्त मंत्री के नाम से जाल में फंसाया

पीड़ितों के मुताबिक सुबह शाम दोपहर ठग मैसेज करता था और बैंक मैनेजर संदीप कुमार आतंकवादी बताते थे. वीडियो कॉल पर ठग IPS की यूनिफॉर्म में आता था और जो जांच का लेटर भेजता था उसमें केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण का जिक्र किया हुआ था, जिससे पीड़ित को विश्वास हुआ कि उनके खिलाफ वाकई में धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ है. जिससे वे ठग के जाल में फंस गए.

बाकायदा आईपीएस दफ्तर में बैठता था ताकि शक ना हो कि वो फर्जी है, पीड़ितों ने कहा कि डर होने की वजह से 2 महीने तक शिकायत नहीं की. सब्जी लेने के लिए और खाना खाने के लिए भी परमिशन लेना होता था. दोनों लोग अकेले रहते हैं. बच्चे गाजियाबाद में रहते हैं. यदि चालाकी कि तो ठगों ने कहा कि आपकी बेटी दामाद और बेटे को अरेस्ट कर लिया जाएगा.

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इसके बाद वित्त मंत्रालय के सेफ्टी अकाउंट में पैसा डालने के नाम पर ठगों ने अलग अलग किस्तों में 68 लाख रुपए की ठगी की. कभी 2 लाख, कभी 3 लाख, कभी 5 लाख करके अलग-अलग किस्तों में पीड़ित ने पैसा दिया. जब व्हाट्सएप पर ठगों ने मैसेज देखना बंद कर दिया तब इनको पता चला कि इनके साथ ठगी हुई है.

ठगों ने कहा – RBI पैसों की जांच कर रही

ठगों ने पीड़ित को बताया कि आपके पैसे की जांच आरबीआई कर रहा है. ठगों ने बताया कि पीड़ित के ऊपर चार केस दर्ज आ गया. इससे पीड़ित और डर गया और जितने पैसों की मांग तक करते गए पीड़ित डालता गया. 20 लाख रुपए से ज्यादा तो पीड़ित ने कर्ज लेकर दिए. मामला सामने आने के बाद पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. पीड़ितों का कहना है कि पूरे जीवन का पैसा चला गया नींद नहीं आ रही है. इस बारे में पुलिस से शिकायत की है.

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