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Madhya Pradesh विधानसभा में उठा डिजिटल अरेस्ट का मुद्दा, मंत्री बोले- ऐसा कोई कानून नहीं, जागरुक रहने की जरूरत

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Madhya Pradesh: लगातार बढ़ रहे डिजिटल अरेस्ट के मामलों की गूंज मध्य प्रदेश विधानसभा में भी सुनाई दी. विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन BJP विधायक अभिलाष पांडे ने डिजिटल अरेस्ट के मुद्दे पर मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित किया. इस मामले पर मंत्री शिवाजी पटेल ने कहा कि ऐसा कोई कानून नहीं है, इस पर जनता को जागरुक रहने की जरूरत है.

‘डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई कानून नहीं’

मंत्री शिवाजी पटेल ने कहा- ‘डिजिटल अरेस्ट जैसा कोई कानून नहीं है. यह जानकारी और जन जागरूकता का मामला है. प्रधानमंत्री जी ने भी इस विषय पर जागरुक रहने का आह्वान किया है. किसी भी जांच एजेंसी को डिजिटल तरीके से इस तरह संवाद का अधिकार नहीं है. इसलिए जनता को जागरुक रहने की जरूरत है.’

अभिलाष पांडे को कहा धन्यवाद

मंत्री ने आगे कहा- ‘हमारी सरकार ने भी लोगों को जागरुक रहने के लिए अभियान चलाए हैं. हर थाने में साइबर यूनिट खोली गई है. इस मुद्दे को उठाने के लिए शिवाजी पटेल ने अभिलाष पांडे को धन्यवाद भी दिया.’

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MP में डिजिटल अरेस्ट के 26 मामले

विधानसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए सरकार ने डिजिटल अरेस्ट के मामलों की जानकारी दी है. सरकार की ओर से बताया गया कि मध्य प्रदेश में 2024 में अब तक 26 डिजिटल अरेस्ट के मामले सामने आए हैं, जिसमें सबसे अधिक राजधानी भोपाल में 13 डिजिटल अरेस्ट के केस दर्ज किए गए. प्रदेश में 12 करोड़ 62 लाख रुपए ठगे गए. इनमें से सिर्फ भोपाल में डिजिटल अरेस्ट के जरिए करीब 4 करोड़ रुपए की ठगी की गई. वहीं, इस साल 2024 में ऑनलाइन ठगी के 521 के दर्ज किए गए हैं.

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भोपाल के 37 थानों में खोली गई साइबर हेल्प डेस्क

हाल ही में पुलिस ने साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को देखते हुए थानों में साइबर हेल्प डेस्क की शुरुआत की है. अब पीड़ित 5 लाख रुपए तक की धोखाधड़ी और ठगी की शिकायत संबंधित थानों में कर सकेंगे. इसके लिए साइबर थाना जाने की जरूरत नहीं होगी. हेल्प डेस्क की जिम्मेदारी करीब 400 पुलिस कर्मचारियों को दी गई है.

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