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क्या दिग्विजय सिंह की बयानबाजी के पीछे राज्यसभा सीट है बड़ी वजह? कांग्रेस इन चेहरों पर लगा सकती है दांव

Congress leader Digvijay Singh (File Photo)

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह(File Photo)

MP News: वैसे तो कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह इन दिनों अपने RSS वाले पोस्ट और बयान को लेकर चर्चा में हैं लेकिन इसी बीच सवाल ये भी उठने लगा है कि क्या इसके पीछे की वजह एक बार फिर राज्यसभा जाने की अटकले हैं. उनका कार्यकाल अगले साल जून में खत्म होने जा रहा है. ये साफ है कि कांग्रेस के पास मध्य प्रदेश में राज्यसभा की केवल एक सीट है.

प्रदेश कांग्रेस को किसी एक चेहरे को राज्यसभा भेजा जाना है और ये बात भी शत-प्रतिशत सही है कि प्रदेश कांग्रेस में बगावती सुर हमेशा से राज्यसभा की सीट को लेकर ही उठते रहे हैं. 2020 ही वो साल था, जब सिंधिया ने इसी तनातनी में कांग्रेस का हाथ छोड़ा और बीजेपी का दामन थामा था. अब दिग्विजय सिंह की बेचैनी भी इसी ओर इशारा कर रही है.

‘दो बार से ज्यादा राज्यसभा की जिम्मेदारी नहीं’

राजनीतिक विशेषज्ञों का भी कुछ ऐसा ही मानना है, हालांकि एक राष्ट्रीय पत्रिका से बातचीत में दिग्विजय सिंह साफ कर चुके हैं कि किसी को भी दो बार से ज्यादा राज्यसभा की जिम्मेदारी नहीं मिलनी चाहिए. दिग्विजय सिंह ने दो बार अपना कार्यकाल पूरा कर लिया है.

इसके अलावा केंद्र का नेतृत्व भी दिग्विजय से नाराज है. दरअसल, कांग्रेस ने दिग्विजय को गोवा प्रभारी बनाया था और कांग्रेस गोवा में जीता हुआ, चुनाव हार गई थी. इसके बाद सोनिया गांधी ने दिग्विजय से नाराजगी जताई थी. अब दिग्विजय के बयानों से राहुल गांधी के नाराज होने की खबर भी सामने आई है.

कांग्रेस कौन राज्यसभा जा सकता है?

कांग्रेस की ओर से राज्यसभा के लिए उम्मीदवारों की लिस्ट लंबी है. इसमें पहला नाम आता है, हमेशा से केंद्र की राजनीति में सक्रिय रहे मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य़मंत्री कमलनाथ. सूत्रों की मानें तो पार्टी कमलनाथ को भी राज्यसभा भेज सकती है. इसके अलावा राज्यसभा वाली लिस्ट मीनाक्षी नटराजन का नाम भी हो सकता है. मीनाक्षी नटराजन, राहुल गांधी की करीबी हैं. जमीनी स्तर से जुड़ी हैं. मंदसौर से लोकसभा सांसद भी रह चुकी है. इसके अलावा मध्य प्रदेश कांग्रेस की जिम्मेदारी संभाल रहे पीसीसी चीफ जीतू पटवारी के नाम की भी राज्यसभा जाने को लेकर चर्चा तेज है.

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जीतू पटवारी सिर्फ प्रदेश के अध्यक्ष हैं तो क्या उनको भी कांग्रेस का एक मजबूत चेहरा बनाकर संसद तक पहुंचाने की तैयारी है. जिसके पीछे कहीं ना कहीं साल 2028 में होने वाला विधानसभा चुनाव है. इसके अलावा भाजपा के जॉर्ज कुरियन और सुमेर सिंह सोलंकी की सीट की खाली हो रही है. कैबिनेट मंत्री से जब नए नामों के बारे में पूछा तो उन्होंने अपने जवाब के साथ-साथ कांग्रेस पर भी तंज कस दिया.

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