Maheshwar Viral Election: आम तौर पर चुनाव प्रक्रिया क्या होती है, ये सभी को मालूम है. एक निश्चित कार्यकाल के बाद खाली सीट पर उम्मीदवार खड़े होते हैं. मतदाता, मतदान करते हैं. जो उम्मीदवार सबसे ज्यादा वोट पाता है वो जीत जाता है. मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के महेश्वर से अजब-गजब मामला सामने आया है. यहां एक वार्ड में चुनाव करवाया गया, उम्मीदवार जीत गया बाद में पता चलता है कि जिस वार्ड में चुनाव कराना था. वहां ना कराकर दूसरे वार्ड में करवा दिया गया.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, महेश्वर जनपद पंचायत के वार्ड नंबर 7 के सदस्य मोहन मकवाने के निधन के बाद वहां उपचुनाव होना था. पंचायत ऑफिस के कर्मचारियों ने लापरवाही बरतते हुए वार्ड नंबर 7 की जगह वार्ड क्रमांक 9 को खाली बता दिया, इस रिपोर्ट को आगे भेज दिया गया. इसके बाद भी बिना किसी क्रॉस वेरिफिकेशन के वार्ड क्रमांक 9 के लिए चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी गई.
जीत के बाद जश्न पड़ा फीका
चुनाव की नोटिफिकेशन जारी होने के बाद वार्ड क्रमांक-9 से बीजेपी प्रत्याशी अभय सिंह बारिया ने नामांकन दाखिल किया. उनके अतिरिक्त कोई और उम्मीदवार खड़ा नहीं हुआ. इस वजह से उन्हें निर्विरोध चुन लिया गया. विजित उम्मीदवार ने जश्न भी मनाया लेकिन उनकी जीत में भंग तब पड़ गया, जब तहसीलदार व रिटर्निंग ऑफिसर ने दस्तावेजों का मिलान किया तो गलती पता चला.
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जनपद पंचायत सीईओ निलंबित
निर्वाचन कार्य में लापरवाही पर कलेक्टर भव्या मित्तल के प्रतिवेदन पर इंदौर संभागायुक्त सुदाम खाडे ने की कार्रवाई की है. जनपद पंचायत सीईओ रीना चौहान को निलंबित कर दिया है. सीईओ जिला पंचायत आकाश सिंह ने महेश्वर जनपद के दो कर्मचारियों को पहले निलंबित कर दिया था.
