RSS: मुरैना में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मध्य भारत प्रांत के निर्वाचन संपन्न हो गए, जिसमें अशोक पांडेय फिर से प्रांत संघचालक निर्वाचित हुए हैं. इसके साथ ही प्रांत संघचालक ने प्रांत कार्यकारिणी की घोषणा कर दी. इसमें प्रांत संघचालक के रूप में डॉय राजेश सेठी की घोषणा की गई. वहीं पहले प्रांत सह-कार्यवाह रहे हेमंत सेठिया अब प्रांत कार्यवाह नियुक्त हुए हैं. प्रांत सह-कार्यवाह के रूप में संतोष मीणा की घोषणा हुई है. पूर्व प्रांत कार्यवाह यशवंत इंदापुरकर की घोषणा क्षेत्र कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में की गई. इससे पहले सम्मेलन में 9 फरवरी को आठों विभागों के निर्वाचन भी संपन्न हुए. इस अवसर पर सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कार्यकर्ताओं का संबोधन किया.
प्रांत कार्यकारिणी
प्रांत प्रचारक– स्वप्निल कुलकर्णी, प्रांत सह प्रचार प्रमुख– विमल गुप्ता, प्रांत शारीरिक शिक्षण प्रमुख– कृपाल सिंह, प्रांत सह शारीरिक शिक्षण प्रमुख– प्रवेश लोधी, प्रांत बौद्धिक प्रमुख– पंकज शर्मा, प्रांत सह बौद्धिक प्रमुख– प्रमोद पंवार, प्रांत व्यवस्था प्रमुख– कमल जैन, प्रांत सह व्यवस्था प्रमुख– रामवीर जी, प्रांत सेवा प्रमुख– विक्रम सिंह, प्रांत सह सेवा प्रमुख– जितेंद्र राठौर, प्रांत संपर्क प्रमुख– सुनील जैन, प्रांत सह संपर्क प्रमुख– गिरीश जोशी, प्रांत सह संपर्क प्रमुख– नवल शुक्ला, प्रांत प्रचार प्रमुख– मुकेश त्यागी, प्रांत सह प्रचार प्रमुख– अखिलेश श्रीवास्तव और प्रांत सह प्रचार प्रमुख– लोकेंद्र सिंह सहित अन्य की घोषणा प्रांत कार्यकारिणी में की गई.
भारत विश्व गुरू बनने की ओर अग्रसर : डॉ. मोहन भागवत
कार्यकर्ता सम्मेलन के समापन सत्र को सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हम दुनिया में नया इतिहास बनते देख रहे हैं. भारत भी करवट बदल रहा है. पिछले कई वर्षों में महान हस्तियों ने जो काम किया है, उनका परिणाम आज दिख रहा है. हम सभी भविष्य में भारत के विश्व गुरु बनते देखेंगे, इसके लिए हमें भी अपनी तैयारी करनी होगी.
उन्होंने कहा 2025 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 साल पूरे हो रहे हैं, लेकिन अभी हमारा लक्ष्य पूरा नहीं हुआ है. अभी तो आधार बना है. असली काम करने का समय तो अब आया है. हम 2025 तक अपने संगठन की रचना पूरी करें. भविष्य में समाज को राष्ट्रीय दिशा देने के लिए हमारे कार्यकर्ता को अपना आत्म विकास करना होगा.आज संघ की ओर अपेक्षा से देखा जा रहा है. हमें ऐसे समाज का निर्माण करना है, जो अपने प्रश्नों का समाधान करने में खुद कर सकें.
डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि समाज में संघ के अलावा भी बहुत सारी सज्जन शक्ति रचनात्मक एवं सृजनात्मक कार्य कर रहे हैं. हमें समाज की सज्जन शक्ति का भी सहयोग लेना चाहिए और उन्हें भी सहयोग करना चाहिए.