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MP News: एमपी में दुकानों-प्रतिष्ठानों के कर्मचारी 3 माह में 72 के बजाय 144 घंटे कर सकेंगे ओवरटाइम, सरकार ने जारी किया नोटिफिकेशन

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सांकेतिक तस्‍वीर

MP News: मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य में कार्यरत कर्मचारियों के हित और नियोक्ताओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बड़ा बदलाव किया है. दुकानों, रेस्टोरेंट, थिएटर सहित अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में काम करने वाले कर्मचारियों की ओवरटाइम सीमा बढ़ा दी गई है. अब कर्मचारी तीन महीने की अवधि में 72 घंटे की बजाय 144 घंटे तक अतिरिक्त काम कर सकेंगे. यानी पहले जहां तीन महीने में वे अधिकतम नौ दिन ओवरटाइम कर पाते थे, वहीं अब यह सीमा 18 दिन हो जाएगी. इसके लिए राज्य सरकार ने मप्र दुकान एवं स्थापना (संशोधन) अधिनियम 2025 लागू किया है. पहले नियम के मुताबिक, कोई भी कर्मचारी एक सप्ताह में छह घंटे से ज्यादा ओवरटाइम नहीं कर सकता था.

अन्‍य राज्‍यों में ओवर टाइम सीमा

मध्य प्रदेश से पहले महाराष्ट्र में तीन महीने के लिए 144 घंटे की ओवरटाइम सीमा तय थी. हालांकि वहां यह प्रावधान भी है कि कोई भी कर्मचारी सप्ताह में 12 घंटे से ज्यादा ओवरटाइम नहीं करेगा. राजस्थान, हरियाणा और कर्नाटक में यह सीमा 125 घंटे प्रति तिमाही निर्धारित की गई है. निगरानी व्यवस्था की बात करें तो मप्र और अन्य अधिकांश राज्यों में इसकी जिम्मेदारी लेबर इंस्पेक्टर या विभाग के अधिकारियों पर है. लेकिन महाराष्ट्र ने इससे आगे बढ़ते हुए ऑनलाइन पोर्टल पर भी ट्रैकिंग की सुविधा दी है. यही वजह है कि वहां नियमों के उल्लंघन की पहचान करना आसान होता है.

नियम तोड़ने पर होगी कार्रवाई

कानून के अनुसार, ओवरटाइम केवल कर्मचा‍री की सहमति से कराया जा सकता है. यदि कोई मालिक जबरन अतिरिक्‍त काम करवाता है या भुगतान नहीं करता, ताे सीधा उल्‍लंघन माना जाएगा. ऐसे मामलों में नियोक्ता पर जुर्माना लग सकता है और दुकान या प्रतिष्‍ठान का लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है. हालंकि छोटे दुकानदार और होटल मालिक अक्‍सर कर्मचारियों से मौखिक सहमति का हवाला देकर अतिरिक्‍त काम करवाते हैं. इस पर यदि कर्मचारी शिकायत दर्ज करवा दे और जांच में गड़बड़ी पाई जाती है तो लेबर इंस्‍पेक्‍टर को कार्रवाई का अधिकार होगा. ऐसे मामलों में समस्‍या वह आती है कि कर्मचारी डर और जानकारी की कमी होने पर शिकायत करने से बचता हैं.

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फायदे और निगरानी

नए नियम से कर्मचारियों को लाभ मिलेगा कि ओवरटाइम का भुगतान सामान्‍य वेतन से दोगुना दर पर किया जाएगा. वहीं नियोक्ताओं को त्‍योहारों और अधिक भीड़-भाड़ वाले सीजन में अतिरिक्त स्‍टाफ की जरूरत पूरी करने में आसानी होगी. अधिनियम में यह स्‍पष्‍ट किया गया है कि इस पूरी व्‍यव्‍स्‍था की निगरानी की जिम्‍मेदारी लेबर विभाग पर होगी.

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