MP News: मध्य प्रदेश के ग्वालियर (Gwalior) की जीवाजी यूनिवर्सिटी (Jiwaji University) के काले कारनामे कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. अब यूनिवर्सिटी ने उन निजी कॉलेजों के संबद्धता के दस्तावेजों को गायब कर दिया, जिन पर कुलगुरु अविनाश तिवारी समेत यूनिवर्सिटी के 17 प्रोफेसर के खिलाफ धारा 420 का मामला दर्ज हुआ था. ये हाल तब है, जब यूनिवर्सिटी के द्वारा संबद्धता देने के फर्जीवाड़े की जांच कर रहा है.
‘अब तक आरोपियों की जिम्मेदारी तय नहीं’
ग्वालियर की जीवाजी यूनिवर्सिटी की संबद्धता अभी विवादों में है. EOW में FIR हो चुकी है. कुलगुरु प्रोफेसर अविनाश तिवारी भी जांच के दायरे में हैं. लेकिन इस मामले में जीवाजी यूनिवर्सिटी की लापरवाही कम नहीं हो रही है. शिवशक्ति कॉलेज की संबद्धता के लिए निरीक्षण प्रतिवेदन के दो साल के दस्तावेज अभी भी गायब हैं. प्रबंधन ने इन दस्तावेजों को अब तक ना तो खुद खोजा है और न ही दस्तावेज गायब करने वालों की जिम्मेदारी तय की है. जिसको लेकर EC मेंबर्स नाराज हैं.
‘कॉलेज संबंद्धता की रिपोर्ट गायब’
सत्र 2016-17 और 2017-18 में निरीक्षण करने के लिए जो टीम गई थी, उसके नाम JU में अब नहीं मिल रहे हैं. साथ ही संबद्धता की रिपोर्ट भी गायब है. इन दो साल की संबद्धता भी जांच के दायरे में है. अब इसमें किसको बचाने की कोशिश की जा रही है, इसको लेकर जीवाजी यूनिवर्सिटी में अलग-अलग तरह की चर्चाएं हैं. EOW ने संबद्धता के फर्जीवाड़े में गड़बड़ी किए जाने के आधार पर जिन प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसरों के खिलाफ FIR दर्ज की है. वह निरीक्षण रिपोर्ट में दर्ज नामों के आधार पर गई है. हांलकि कुलसचिव का कहना है, दस्तावेजों को ढू़ंढ़े जा रहे हैं.
अब तक क्या-क्या हुआ है?
जीवाजी यूनिवर्सिटी के अतिथि शिक्षक प्रोफेसर अरुण शर्मा ने जीवाजी यूनिर्सिटी के द्वारा फर्जीवाड़े का खुलासा किया. पीएम, सीएम से लेकर 18 शिकायत की है. आरोप है कि मुरैना के शिवशक्ति कॉलेज को जीवाजी विश्वविधालय की संबद्धता समिति बीते 14 साल से कागजों में अनुमति दे रही थी. जबकि कॉलेज का जमीनी स्तर पर कोई वजूद नहीं था. 14 जनवरी को मुरैना के झुंडपुरा में फर्जी शिवशक्ति कॉलेज के संचालन के मामले में आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू ) ने जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी सहित 17 प्रोफेसरों पर FIR दर्ज की. राज्य शासन भी हरकत में आया है. ग्वालियर की जीवाजी यूनविर्सिटी से 373 निजी कॉलेजों की संबद्धता जांच के आदेश दे दिए. अब यूनिवर्सिटी में दो सत्रों की संबद्धता के दस्तावेज गायब हो गए है.
