Bhopal News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में डिजिटल अरेस्ट की आड़ में एक दर्दनाक मामला सामने आया है. साइबर ठगों की झूठी आतंकी फंडिंग धमकी से घबराकर शहर के एक वरिष्ठ अधिवक्ता (वकील) ने आत्महत्या कर ली. यह प्रदेश में डिजिटल अरेस्ट के चलते सामने आई पहली मौत बताई जा रही है. जानकारी के मुताबिक साइबर ठगों ने अधिवक्ता शिवकुमार वर्मा को दिल्ली बम धमाके हमले में फंडिंग करने का झूठा आरोप लगाकर प्रेशर बनाया था. इस मानसिक दबाव के चलते अधिवक्ता ने आत्मघाती कदम उठा लिया.
मामले में मृतक शिवकुमार वर्मा जहांगीराबाद के बरखेड़ा इलाके में रहते थे. मंगलवार के रात करीब 7:30 बजे उन्होंने घर में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी. सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. अधिवक्ता ने एक सुसाइड नोट भी लिखा है जिसकी पुलिस जांच कर रही है.
अधिवक्ता ने लिखा सुसाइड नोट
बताया जा रहा है कि अपने सुसाइड नोट में अधिवक्ता वर्मा ने लिखा है कि पहलगाम हमले के आतंकियों को फंडिंग से उनका नाम जोड़ा जा रहा है. इस देशद्रोही कहलाने की बदनामी को वे बर्दाश्त नहीं कर सकते. यह पूरा मामला जहांगीराबाद थाना क्षेत्र का बताया जा रहा है. पुलिस ने केस दर्ज कर साइबर ठगों की तलाश शुरू कर दी है.
डिजिटल अरेस्ट से 68 लाख की ठगी
भोपाल में बढ़ते साइबर डिजिटल अरेस्ट के मामलों में एक मामला हाल ही में शहर के शहपुरा इलाके से आया था जहां रिटायर्ड बैंक मैनेजर के साथ डिजिटल अरेस्ट करके 68 लाख रुपये की ठगी कर ली. आरोपियों ने वीडियों कॉल करके पुलिस की वर्दी पहनकर खुद को भोपाल पुलिस बता कर वारदात को अंजाम दिया था.
आरोपियों ने रिटायर्ड बैंककर्मी को चार करोड़ के फ्रॉड मामले में जेल भेजने की धमकी दी और कहा की उनकी बहन को भी जान का खतरा है. इसके बाद दयाराम देशमुख घबरा गए और पूरी घटना अपनी पत्नी को बताई. इस मामले में आरोपियों ने उनको एक कमरे में डिजिटल अरेस्ट करके रखा. सुरक्षा का भारोसा दिलाते हुए दयाराम से आरोपियों ने 68 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए.
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