MP ‘Dial 112’: मध्यप्रदेश में अब आपात स्थिति में अलग-अलग नंबर याद रखने की जरूरत नहीं है. पुलिस, एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड के लिए सिर्फ एक नंबर याद करना होगा और गाड़ी मदद के लिए तुरंत आपके दरवाजे पर पहुंचेगी. एमपी में यह सेवा 15 अगस्त 2025 से शुरू हो जाएगी. ‘डायल 112’ के लिए कॉल सेंटर भी बनाया जा रहा है, जो सीधे सेंट्रल सर्वर से जुड़ा होगा.
सेंट्रलाइज होंगी इमरजेंसी सर्विसेज
राज्य सरकार ने ‘डायल 100’ की जगह अब ‘डायल 112’ सेवा शुरू करने का बड़ा फैसला लिया है. यह एकीकृत आपातकालीन सेवा है, जो प्रदेशभर में लागू की जा रही है. ‘Dial 112’ अब एक इंटीग्रेटेड सर्विस है. जिसमें पुलिस, फायर और एम्बुलेंस तीनों सेवाएं एक ही नंबर पर मिल सकेंगी. आम नागरिक को सिर्फ 112 याद रखना है और सहायता तुरंत मिलेगी. भोपाल के स्टेट कमांड सेंटर से प्रदेश भर में डायल 112 की मॉनिटरिंग होगी. पूरे प्रदेश में संचालन के लिए करीब 1200 गाड़ियां उपलब्ध रहेंगी. कई गाड़ियां भोपाल पहुंच चुकी हैं. डायल 100 वाली सफारी गाड़ियां 14 अगस्त से सेवा में नहीं ली जाएंगी. हालांकि 108 पर एम्बुलेंस के लिए कॉल कर सकेंगे. डायल 112 में बोलेरो, नियो और स्कॉर्पियो गाड़ियां इस्तेमाल की जाएंगी.
कम से कम समय में रेस्पॉन्स
एमपी के डीजीपी कैलाश मकवाणा ने बताया कि इमरजेंसी में रिस्पॉन्स टाइम को और बेहतर करने के लिए गाड़ियों में अत्याधुनिक तकनीक और GPS आधारित ट्रैकिंग सिस्टम लगाए गए हैं.
इस सेवा को मध्य प्रदेश ने सबसे पहले शुरू किया था, फिर दूसरे राज्यों ने मॉडल को अपनाया. ये पहले डायल 100 नाम से यही जाना जाता था. 2015 में स्कीम शुरू हुई थी जो 5 साल के लिए थी लेकिन विभिन्न कारणों से यह अबतक जारी रही. अब नए सिरे से डायल 112 को 15 अगस्त तक लॉन्च करने की तैयारी है.
महिलाओं और बच्चों को ध्यान में रखकर डिजाइन की गई सेवा
इस सेवा को महिला और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए खास रूप से डिजाइन किया गया है. अब संकट की घड़ी में सिर्फ एक नंबर ‘112’ याद रखिए और भरोसेमंद मदद कुछ ही मिनटों में आपके पास होगी. डायल 112 की सेवा अभी राजस्थान, हरियाणा जैसे राज्यों में जारी है.
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