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MP: फर्जी जाति प्रमाणपत्र बनवाकर सरकारी नौकरी ली; टीचर-डॉक्टर से लेकर सॉफ्टवेयर इंजीनियर तक 25 आरोपी पकड़े गए

STF officers giving information about the case of getting job with fake certificate.

फर्जी प्रमाण पत्र से नौकरी के मामले में जानकारी देते STF के अधिकारी.


Fake Caste Certificate:
मध्यप्रदेश में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिए सरकारी नौकरी पाने वाले कर्मचारियों का बड़ा खुलासा हुआ है. इस मामले में STF को गुप्त सूचना मिली थी. जिसके आधार पर जांच की गई तो अब तक 25 ऐसे शासकीय सेवकों की पहचान हुई है, जो फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर विभिन्न विभागों में नौकरी कर रहे हैं. इनमें शिक्षक, इंजीनियर, डॉक्टर, क्लर्क, वेब डेवेलपर समेत अन्य पदों पर सरकारी नौकरी करने वाले आरोपी शामिल हैं. आरोपियों ने वास्तविक जातीय दस्तावेज छुपाकर अनुसूचित जाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाया था और भर्ती प्रक्रिया में शामिल हुए और चयनित हो गए थे.

गिरोह बनाकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए जा रहे थे

STF को जांच के दौरान ये भी पता चला कि एक संगठित गिरोह फर्जी दस्तावेज तैयार करवाकर युवाओं को सरकारी सेवा में भर्ती कराता था.फिलहाल STF ने अपराध दर्ज कर दस्तावेजों की गहन जांच शुरू कर दी है. साथ ही संबंधित जाति प्रमाण पत्र जारी करने वाले अधिकारियों को भी नोटिस भेजे जा चुके हैं. इस पूरे नेटवर्क की परतें धीरे-धीरे खुल रही हैं.

6 लोगों के खिलाफ FIR

अभी फिलहाल 6 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज हुई है, जिनमें सीताराम, जवाहर सिंह, सरला मांझी, कुसुम मांझी, राजेश कुमार सुनीता रावत और 19 अज्ञात लोग शामिल हैं. एसटीएफ डीएसपी संजीव तिवारी ने बताया कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी पाने वाले 25 लोगों को एसटीएफ ने अब तक चिन्हित किया है. उसमें से छह लोगों पर एसटीएफ द्वारा अपराध पंजीबद्ध किया गया है. वहीं 19 लोगों पर अभी कार्रवाई प्रस्तावित है. फर्जी प्रमाण पत्र से सूबेदार, डॉक्टर, असिस्टेंट इंजीनियर, एक अन्य द्वारा सरकारी नौकरी हासिल की गई है. संबधित विभागों को भी फर्जीवाड़े में पकड़े गए लोगों की जानकारी दे दी गई है.

अब तक 25 लोगों को चिन्हित किया

STF ने तहकीकात के बाद फर्जी प्रमाण पत्रों से नौकरी करने वाले 25 लोगों को चिन्हित किया गया है. जांच मे पता चला कि फर्जी जाति प्रमाण पत्र से शिक्षा विभाग के साथ स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग, जनजातीय एवं पुलिस विभाग में शासकीय नौकरी हासिल करने की एक संगठित गैंग सक्रिय हैं. यह संगठित गिरोह योजनबद्ध ढंग से इस काम को अंजाम दे रहा है. गिरोह को लेकर एसटीएफ बारीकी से विवेचना कर रही है. आने वाले दिनों में कुछ और खुलासों के साथ फर्जी प्रमाण पत्रों से नौकरी पाने वालों पर गाज गिर सकती है. इस काम को अंजाम देने वाले सरगना भी पकड़ में आ सकते हैं.

फर्जी प्रमाण पत्र मामले में इस टीम ने की कार्रवाई

फर्जी प्रमाण पत्र मामले में एसटीएफ इकाई ग्वालियर के उप निरीक्षक भूपेन्द्र सिंह गुर्जर, आर. रवि कछवारे, आर. कपिल यादव, आर, रवि गोले, आर. धर्मेन्द्र केन, आर. रविन्द्र कुमार, आर. मदन मोहन, आर. मनोज सिकरवार, आर. इमाद, आर. अभिनेष सिंह, आर. संतोष पाण्डे की महत्वपूर्ण भूमिका रही है.

STF को मिली थी खुफिया जानकारी

गौरीशंकर राजपूत ने गोपनीय जानकारी एसटीएफ को दी थी कि संगठित गिरोह द्वारा फर्जी जाति प्रमाण पत्र तैयार कर सरकारी नौकरी दिलाई जा रही है. एसटीएफ के महानिदेशक पंकज कुमार श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में एसटीएफ के पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह भदौरिया के निर्देशन में और एसटीएफ ग्वालियर इकाई के प्रभारी उप पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार तिवारी के नेतृत्व में 11 सदस्यीय टीम इस फर्जीवाड़े की निरंतर जांच मे जुटी. तब इस मामले की तह तक पहुंची और सफलता हासिल की.

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