Gwalior News: सबसे बड़ी साइबर ठगी (Cyber Fraud) के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव से हुई 2.5 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में पुलिस ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस इस मामले में लगातार कार्रवाई कर रही है. पुलिस अलग-अलग शहरों में छानबीन और आरोपियों की तलाश कर रही है.
लखनऊ में 30 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए
ग्वालियर के रामकृष्ण मिशन आश्रम के सचिव से 2.5 करोड़ रुपए की ठगी के मामले ग्वालियर पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने उत्तर प्रदेश से 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. सबसे खास बात यह है कि पकड़े गए आरोपियों में सभी युवा हैं और अलग-अलग कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं. स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने उज्जैन, दिल्ली के बाद अब यूपी के लखनऊ में बड़ी सफलता हासिल की है.
ठगी की राशि में से 30 लाख रुपये लखनऊ के इंडसइंड बैंक में ट्रांसफर हुए थे. इसकी पड़ताल करने पुलिस की एक टीम लखनऊ पहुंची थी. यहां छानबीन में पता लगा कि जिस अकाउंट में रुपये ट्रांसफर हुए हैं, उसके होल्डर ने अपना खाता कमीशन पर ठगों को दे रखा था.
डिजिटल अरेस्ट गैंग से जुड़े होने का शक
इस पूरे खेल में अकाउंट ओपन कराने से लेकर ठगी की रकम निकालने के रैकेट में 10 लोगों के नाम सामने आए हैं. जिस पर SIT ने सभी दस लोगों की घेराबंदी कर उनको गिरफ्तार कर लिया है. शुक्रवार को सभी आरोपियों को लेकर पुलिस की टीम ग्वालियर पहुंची. पुलिस को आशंका है कि इनमें कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनके तार सीधे डिजिटल अरेस्ट करने वाली गैंग से जुड़े हुए हैं.
पकड़े गए आरोपियों में हर तरह के आरोपी हैं. कुछ अकाउंट खुलवाते हैं तो कुछ किराये पर चलाते हैं. कई कमीशन पर कैश निकालकर ठगों तक पहुंचाते हैं. इनमें कुछ लोग ऐसे भी है जो कैश को यूएस डीटी में कन्वर्ट कर ठगों तक पहुंचाते हैं. फिलहाल इनको कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड मांगी जा रही है. ग्वालियर एसएसपी धर्मवीर सिंह का कहना है कि पकड़े गए दस आरोपियों से लैपटॉप, मोबाइल व अन्य डिवाइस भी मिली हैं. आशंका है कि इनमें से कुछ लोग सीधे तौर पर ठगों से संपर्क में हैं. इसी संबंध में पुलिस रिमांड लेकर पूछताछ की जाएगी.
