MP News: एक डॉक्टर की लापरवाही की वजह से भिंड जिले के 8 मरीजों की आंखों की रोशनी मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद रोशनी चली गई. इन सभी मरीजों का ऑपरेशन ग्वालियर के कालरा अस्पताल में किया गया था. जब यह मरीज अपने घर पहुंचे तो उनको आंखों से दिखाई देना बंद हो गया.
8 बुजुर्गों का ऑपरेशन किया गया
दरअसल भिंड जिले के गोरमी के कृपे का पुरा गांव में बिना अनुमति आयोजित नेत्र शिविर में आयोजकों ने जांच में ग्रामीणों को पहले मोतियाबिंद बताया. फिर उसी दिन ग्वालियर के कालरा हॉस्पिटल में लाकर 8 बुजुर्गों का ऑपरेशन कर दिया. गांव लौटने के बाद जब ग्रामीणों ने आंखें खोली तो उन्हें दिखना ही बंद हो गया. कालरा अस्पताल की ओर से फ्री आई कैंप का आयोजन हुआ था. इसमें नेत्र विशेषज्ञ डॉ. रोहित कालरा और उनकी टीम ने 50 मरीजों की आंखों की जांच की.
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अस्पताल से स्टाफ नदारद
आठ मरीजों को मोतियाबिंद का ऑपरेशन के लिए ग्वालियर बुलाया गया था. विस्तार न्यूज की टीम ने जब कालरा अस्पताल में जाकर पड़ताल की तो वहां डॉक्टर सहित पूरा स्टाफ गायब है. अस्पताल में सन्नाटा पसरा हुआ है सिर्फ वहां काम करने वाली बाई मौजूद है. ऑपरेशन थिएटर से लेकर डॉक्टर की ऑपरेशन थियेटर और सभी चैंबर खाली पड़े हैं.
जांच में जुटी डॉक्टर्स की टीम
घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम कालरा अस्पताल में पहुंची और पूरे मामले की जांच कर रही है. कालरा अस्पताल में इस पूरी घटना की जांच करने पहुंचे जिला अस्पताल के सीनियर डॉक्टर जी एस गुर्जर ने विस्तार न्यूज को बताया कि ओटी को पूरी तरह सील कर दिया है. साथ ही जांच की जा रही है यह एक बड़ी गंभीर लापरवाही है और इसमें दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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डॉक्टर की गंभीर लापरवाही और आंखों की रोशनी जाने के बाद मरीज और उनके परिजन गोरमी थाने पहुंचे. कालरा आई हॉस्पिटल के डॉक्टरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई. मरीजों ने मामले की जांच और दोषी डॉक्टरों पर कार्रवाई की मांग की मांग की है.