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आंबेडकर पर टिप्पणी को लेकर विवाद के बाद सुलग रहा ग्वालियर, 15 अक्टूबर को बड़े प्रदर्शन की तैयारी, धारा 163 लागू

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MP News: मध्य प्रदेश का ग्वालियर-चंबल फिर जातिगत विवाद में सुलग रहा है. साल 2018 की तरह ही हालात हो गए हैं. जहां SC-ST और सवर्ण आंदोलन में 7 में लोगों की मौत हो गयी थी. अब वैसी ही स्थिति ग्वालियर-चंबल में बन रही है, जहां दोनों वर्ग एक-दूसरे को ललकार रहे हैं और सोशल मीडिया पर लगातार ग्वालियर पहुंचने की अपील की जा रही है. वहीं ग्वालियर पुलिस ने भी इस आंदोलन से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली है.

ग्वालियर-चंबल में आंबेडकर बनाम बीएन राव

ग्वालियर-चंबल अब आंबेडकर बनाम बीएन राव हो रहा है, क्योंकि एक वर्ग आंबेडकर की मूर्ति लगाने के पक्ष में खड़ा हुआ है, वहीं दूसरा विरोध करने के बाद, सर बीएन राव की मूर्ति हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच लगाना चाहता है. हालंकि आंबेडकर की मूर्ति लगाने की पहली कोशिश 15 मई को हुई थी, लेकिन सवर्ण पक्ष के विरोध के बाद मूर्ति स्थापित नहीं हो सकी. जिसको लेकर दलित समाज आंदोलन कर रहा है. तो वहीं सवर्ण पक्ष का रक्षक मोर्चा अब सर बीएन की मूर्ति लगवाना चाहता है. जिसके लिए वह एक पार्क में बकायादा भूमिपूजन कर चुका है. वहीं कुछ दिन पहले हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अनिल मिश्रा के बयान के बाद से माहौल गर्माया गया है. वो कह रहे है, अंबेडकर अंग्रेजों का एजेंट और गंदा आदमी है।अनिल मिश्रा के साथ रक्षक मोर्चा भी खड़ा हो गया है.

ग्वालियर-चंबल संभाग में विरोध का दौर जारी

अनिल मिश्रा के बाद, ग्वालियर-चंबल संभाग में विरोध का दौर शुरू हो गया है. हर जिले के एसपी ऑफिस में दलित संगठन प्रदर्शन कर रहे है, ज्ञापन दे रहे ओर उन्हें गिरफ्तार करने की चेतावनी दे रहे हैं. वहीं, कांग्रेस के विधायक ओर बड़े दलित नेता फूलसिंह बरैया ने कहा कि जो काम बीजेपी और RSS नहीं कर पा रही थी, वो अनिल मिश्रा जैसे वकीलों से करवा रही हैं. क्योंकि आप एक बार आंबेडकर को गाली दोगे चल जाएगा, दस बार गाली दे रहे हो, बार- बार गाली दे रहे हो, हिंसा जैसा माहौल बना रहे हो. अगर यह विवाद यही नहीं थमा तो आगे बड़ी हिंसा हो सकती है. वहीं बीजेपी के अनुसूचित जाति के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य का कहना है कि महापुरुषों हम सबके हैं. अंबेडकर जैसे महापुरुष हमारी धरोहर हैं. संविधान बाबा साहेब अंबेडकर ने लिखा है, उसमें 296 लोगों थे. हिंदू-मुस्लिम, दलित, अदिवासी भी थे, लेकिन कुछ लोग हैं, जो भारत को कमजोर करना चाहते हैं, हमे उनसे बचना होगा. क्योंकि ग्वालियर शांति वाला शहर है, इसे शांत ही रहना होगा.

पुलिस ने पहले अनिल मिश्रा को नोटिस दिया

ग्वालियर-चंबल का माहौल बिगड़ता देख, ग्वालियर की क्राइम ब्रांच पुलिस ने पहले अनिल मिश्रा को नोटिस दिया. फिर उनके बयान पर एफआईआर दर्ज कर ली है. जिसके बाद, अनिल मिश्रा अपने साथी एडवोकेट, सवर्ण समाज के नेताओं और रक्षक मोर्चे के साथ एसपी ऑफिस में गिरफ्तारी देने पहुंच गए. इस दौरान उनके समर्थकों ने उन्हें फूल माला भी पहनाई, लेकिन पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी लेने से इंकार कर दिया.

15 अक्टूबर को बड़े विरोध प्रदर्शन की चेतावनी

सोशल मीडिया पर लगातार दलित संगठनों के द्वारा 15 अक्टूबर को ग्वालियर में कड़ा विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी जा रही है. तो वहीं सवर्ण समाज के संगठनों द्वारा भी शक्ति प्रदर्शन करने की बात कही है. वहीं वकील अनिल मिश्रा पर मामला दर्ज होने के बाद शहर के सभी वकीलों ने सपा और कलेक्टर का पुतला जलाकर इसका विरोध किया. दोनों पक्षों की ओर से सोशल मीडिया पर तनाव को देखते हुए ग्वालियर पुलिस पूरी तरह अलर्ट हो चुकी है. इसके बाद कलेक्टर, एसपी ने समाज के प्रमुख लोगों के साथ मंथन किया. इसमें हर समाज के व्यक्ति से पूछा जा रहा है, आप बताएं ग्वालियर में कैसे शांति स्थापित होगी. क्योंकि कुछ लोग सड़कों पर ग्वालियर का माहौल बिगाड़ रहे है, तो कोई सोशल मीडिया पर. इसके साथ ही खुद एसपी और कलेक्टर संगठनों के लोगो के बीच जाकर शांति की अपील कर रहे हैं.

बलवे से निपटने के लिए पुलिस तैयार

वहीं 15 अक्टूबर को आंदोलन की चेतावनी के बाद बलवा और उपद्रव से निपटने के लिए पुलिस पूरी तरह तैयार हो चुकी है. ग्वालियर में कलेक्टर ने धारा 163 लगा दी है, किसी भी संगठन को धरना प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं है, बावजूद इसके, अगर कोई धरना प्रदर्शन करता है, या सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालता है, तो उसे पर सीधी कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए गए हैं. वहीं पुलिस ने अपनी तैयारी को परखने के लिए यह मॉक ड्रिल आयोजित की. जिसमें एक तरफ प्रदर्शनकारी नारेबाजी कर रहे हैं, पुलिस को चैलेंज कर रहे हैं, पुलिस पर पथराव कर रहे हैं. इसके बाद पुलिस जवाबी कार्रवाई में उन पर लाठी चार्ज कर रही है. आंसू गैस के दोगले दाग रही है. SSP ग्वालियर धर्मवीर यादव से विस्तार न्यूज़ से बातचीत करते साफ कर दिया है, किसी भी व्यक्ति, संगठन को धरना प्रदर्शन की अनुमति नहीं है, अगर ग्वालियर शहर का जो माहौल बिगड़ेगा तो उस पर सीधे कार्रवाई की जाएगी. ऐसे लोगों को चिन्हित किया गया है, जो सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डालने वालों को भी चिन्हित किया गया है, उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है.

सुरक्षा बलों की 4 अतिरिक्त कंपनियां बुलाई गईं

ग्वालियर-चंबल में बाबा साहब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की मूर्ति स्थापना का मामला ग्वालियर, भोपाल से होता हुआ दिल्ली तक पहुंच गया. हालत ये है कि अब दलित संगठनों के साथ-साथ कांग्रेस, बीएसपी, सपा और भीम आर्मी मूर्ति को स्थापित करने के लिए अल्टीमेटम दे चुके हैं. लेकिन अब दलित ओर सवर्ण के समाज के नेता आपत्तिजनक टिप्पणी सोशल मीडिया पर कर रहे हैं, जिससे ग्वालियर-चंबल की फिजा एक दम से बिगड़ चुकी है. ऐसे जिला पुलिस प्रशासन पुलिस प्रशासन ने कमर कस ली है. ग्वालियर के आसपास चंबल के पांच जिलों में 30 चैंकिंग नको पर बल तैनात कर चेकिंग शुरू कर दी है. सुरक्षा के लिए चार अतिरिक्त कंपनी मांगी है. पुलिस ने तैयारी ऐसी की है कि यदि किसी ने शरारत भी करने की कोशिश की तो उसे महंगी पड़ेगी.

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