Harda Blast: मध्य प्रदेश में शादी का सीजन हैं और बारातों में जश्न के लिए पटाखे फोड़े जाते हैं. लेकिन इसी प्रदेश में खुशियों से ज्यादा मौत के पटाखे आसमान में शोर करते हैं. यह हम इसलिए कह रहे हैं कि क्योंकि हरदा की फैक्ट्री में पहली बार पटाखों के कारण हादसा नहीं हुआ है, बल्कि यह लिखते वक्त हमारे हाथ और पढ़ते वक्त आपकी आत्मा जरूर कांपेगी कि प्रदेश में इससे पहले भी कई बड़े हादसे हो चुके हैं.
मौत की संख्या कागजों पर कुछ कम ज्यादा हो सकती है और आरोपियों पर कार्रवाई भी होती है. लेकिन ऐसी घटना से सबक नहीं लिया जाता है. ऐसा हम इसलिए बोल रहे हैं ताकि हरदा और उससे पहले हुए ये बड़े पटाखे फैक्ट्री विस्फोट फिर ना हो.
उज्जैन पटाखा फैक्ट्री विस्फोट-
3 मई 2014 उज्जैन के बड़नगर से एक किलोमीटर दूर पटाखा फैक्ट्री में आग लग गई. विस्फोट के बाद फैली इस आग में 15 मजदूरों की मौत हो गई थी. जिसमें से 12 महिलाएं भी शामिल थी. ये मजदूर सुतली बम और अनार बनाने का काम करते थे.
बालाघाट हादसा-
बालाघाट जिले में साल 7 जून 2017 को अवैध पटाखा फैक्ट्री में धमाका हुआ. आग बुझाने के लिए फायर बिग्रेड को बुलाया गया. लेकिन आग इतनी तेज लग चुकी थी कि फायर बिग्रेड भी जल गई और हादसे में कुल 26 लोगों की मौत हुई थी. जिनके शरीर के चीथड़े 2 किलोमीटर दूर तक जाकर गिरे थे.
दमोह पटाखा फैक्ट्री हादसा-
दमोह के कोतवाली इलाके में 30 अक्टूबर 2023 विस्फोट हुआ था. फैक्ट्री मालिक अभय गुप्ता समेत 7 लोगों की मौत हुई थी.
हादसों का गढ़ हरदा-
हरदा में कई बड़े हादसे पहले चुके हैं, जिनमें कई लोगों की जान जा चुकी है. इन मामलों में कार्रवाई और सजा भी सुनाई गई है. लेकिन उसके बाद भी रिहाइशी इलाकों मे पटाखा फैक्ट्री चलाने के कारण कई घर एक के बाद एक कई विस्फोट में बर्बाद हो चुके हैं.
10 मई 2021 हरदा के बैरागढ़ में मकान में अवैध तरीके से बनाए जा रहे पटाखों में विस्फोट हुआ. जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई.
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दिसंबर 2019 में हरदा के सिराली की पटाखा फैक्ट्री में आग लग गई, जिसमें 2 की मौत हुई.
2016 में हरदा के बैरागढ़ में फार्महाउस में धमाका हुआ. दो की मौत हुई.
2015 में कचरे में बारुद फेंकने के बाद सफाई कर्मचारी ने उसमें आग लगा दी, हादसे में एक की मौत हो गई थी. इससे पहले इसी फैक्ट्री में दो मजदूरों की मौत सुरक्षा मानकों का ध्यान ना देने के कारण लगी थी.
हरदा में 2014 में एक घर में अवैध तरीके से पटाखे बनाए जा रहे थे. यहां हुए हादसे में दो बच्चों की मौत हो गई थी.