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Harda Blast: हरदा ही नहीं, बारूद के ढेर पर ग्वालियर-चंबल अंचल! आज भी कई फैक्ट्रियों के पास लाइसेंस नहीं

harda blast

हरदा ब्लास्ट

Harda Blast: 6 फरवरी की सुबह मध्य प्रदेश के लिए बेहद दर्दनाक साबित हुई. हरदा की पटाखा फैक्ट्री में लगी आग में 11 लोगों ने अपनी जान गंवा दी, जबकि कई लोगों ने अपनी जीवन भर की जमापूंजी. यह पहली बार नहीं है जब मध्य प्रदेश में ऐसा अवैध बारूद विस्फोट हुआ हो. प्रदेश का ग्वालियर-चंबल अंचल भी बारूद के ढेर पर बैठा है. ग्वालियर अवैध पटाखा फैक्ट्री संचालित करने वाले शहरों में सबसे आगे है. बीते चार साल में अवैध पटाखा फैक्ट्रियों में विस्फोट के चलते 11 से भी ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. 

बारूद के ढेर पर ग्वालियर-चंबल 

ग्वालियर-चंबल अंचल में अक्सर अवैध पटाखों की फैक्ट्रियों में विस्फोट होते रहते हैं. जिसमें ना जाने कितने लोगों की मौत होती है. और कितने गंभीर रूप से घायल होते हैं. इन सभी घटनाओं की वजह यह है कि प्रदेश भर में यहां सबसे ज्यादा अवैध पटाखा फैक्ट्रियों का संचालन किया जाता है. इन फैक्ट्रियों में दीपावली और शादी के  सीजन में लाखों के पटाखे बनाए और सप्लाई किए जाते हैं. फैक्ट्रियों के अलावा स्थानीय लोग अपने घरों में भी अवैध पटाखे बनाते हैं, ऐसे लोगों के पास न तो कोई लाइसेंस होता है न ही कोई वर्क परमिट.सबसे गंभीर बात तो यह है कि ऐसी अवैध फैक्ट्रियों की जांच के नाम पर बस खानापूर्ति की जाती है.और प्रशासन भी तब जागता है जब हरदा अग्निकांड जैसा कोई बड़ा हादसा हो जाता है. 

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इन जगहों पर हो रहा व्यापार

ग्वालियर चंबल अंचल में सबसे ज्यादा अवैध पटाखों का निर्माण शिवपुरी, मुरैना, भिंड,ग्वालियर सहित आसपास के इलाके में किया जाता है. यहां लाखों की तादाद में पटाखे लोग अपने घरों में ही अवैध रूप से बना लेते हैं. मुरैना और ग्वालियर में आतिशबाजी भंडारण के लिए एनओसी तो ले ली जाती है लेकिन एनओसी एक्सपायर होने के बाद भी फैक्ट्री संचालित की जाती है. 

जिम्मेदारों के पास नहीं है जानकारी

फैक्ट्रियों के भंडारण और उनकी जानकारी का डेटा प्रशासन के पास भी अपडेट नहीं है. मुरैना अपर कलेक्टर सी वी प्रसाद का कहना है कि आतिशबाजी भंडारण के लाइसेंस साल 2021-22 में एक्सपायर हो गए हैं, उसके बाद यह जानकारी अपडेट नहीं है.संभावना है कि उन्होंने रिन्यू उत्तर प्रदेश के आगरा से कर लिया है हम आज इसको अपडेट कर लेंगे. अगर अवैध चल रहा होगा तो हम उन पर कार्रवाई करेंगे. मध्य प्रदेश में कई बड़े हादसे होने के बाद भी प्रशासन की ओर से मामले पर कोई खास कार्रवाई नहीं की जाती. ऐसे में सबकी नजर प्रदेश के नई मोहन सरकार पर है, जो कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं.

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