MP News: बीना से 2023 विधानसभा में जीती कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे की विधायकी रद्द करने के लिए नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इस याचिका पर हाईकोर्ट ने सुनवाई को टाल दिया है. हाईकोर्ट ने याचिका पर मंगलवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने प्रकरण की जांच कर लिस्टिंग करने के निर्देश रजिस्ट्री को दिए हैं. मामले पर अब अगली सुनवाई 8 अक्टूबर 2025 को होगी.
विधायकी रद्द करने के लिए लगाई थी याचिका
दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे बीजेपी के पक्ष में प्रचार करती नजर आई थीं. इसको लेकर कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की गई है. मामले में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने हाईकोर्ट में विधायक निर्मला सप्रे की सदस्यता शून्य करने की मांग करते हुए याचिका दायर की थी. इसमें विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर को भी पक्षकार बनाया गया है और उन पर शिकायत पर कार्रवाई न करने को लेकर चुनौती दी गई है.
इंदौर हाईकोर्ट ने खारिज की थी याचिका
इस मामले में उमंग सिंघार ने पहले इंदौर हाईकोर्ट में विधायकी रद्द करने के लिए याचिका दायर की थी लेकिन इंदौर बेंच ने क्षेत्राधिकार से बाहर का मामला बताते हुए यह याचिका को खारिज कर दिया था. जिसके बाद उन्होंने सप्रे की विधायकी रद्द करने के लिए जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. अब यह मामला जबलपुर हाईकोर्ट में विचाराधीन है और आने वाले दिनों में इस पर सुनवाई की जाएगी.
सीएम ने पहनाया था भाजपा का दुपट्टा
लोकसभा चुनाव के दौरान सागर जिले के राहतगढ़ में हुए चुनावी कार्यक्रम में विधायक निर्मला सप्रे शामिल हुई थीं. इस कार्यक्रम में सीएम मोहन यादव ने उन्हें भाजपा का दुपट्टा पहनाया था. विधायक ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम मोहन यादव का विकास कार्य बीते 6 महीनों में देखा है. उन्होंने आगे कहा था कि कांग्रेस में रहकर हम क्षेत्र का विकास नहीं कर पाएंगे क्योंकि कांग्रेस की न सरकार है और न ही कोई उनके पास एजेंडा है.
