Mahakal VIP Darshan: उज्जैन में बाबा महाकाल के VIP दर्शन को बंद करवाने वाली याचिका पर एमपी हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में सुनवाई हुई. शुक्रवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. गर्भगृह में वीआईपी दर्शन बंद करने को लेकर हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका लगाई गई है. यह याचिका नेताओं और व्यापारियों को गर्भगृह में VIP दर्शन देने के खिलाफ दी गई है.
सामान्य लोगों को 5 सेकेंड भी दर्शन नहीं करने देते
एक सामाजिक कार्यकर्ता ने VIP दर्शन बंद करवाने के लिए हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका दी थी. जिसे जिसे खंडपीठ की जस्टिस विवेक रूसिया और जस्टिस बिनोद कुमार द्विवेदी की बेंच सुनवाई कर रही है. याचिकाकर्ता ने कोर्ट में बताया कि नेताओं और व्यापारियों को गर्भगृह में VIP दर्शन करवाए जाते हैं. जबकि हजारों किलोमीटर दूर आने वाले श्रद्धालुओं को 5 सेकेंड भी दर्शन नहीं करने दिए जाते हैं. याचिकाकर्ता ने मंदिर प्रशासन पर आम लोगों से शुल्क लेने और भेदभाव करने का आरोप लगाया है.
RTI के तहत मांगी गई थी VIP दर्शन के शुल्क की प्रणाली
याचिका पर इसके पहले जबलपुर हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में 17 जुलाई को सुनवाई हुई थी. जिसमें कोर्ट ने राज्य सूचना आयोग को 60 दिनों में याचिकाकर्ता को VIP दर्शन प्रणाली के शुल्क की जानकारी देने के लिए कहा था.
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जबरन गर्भगृह में घुसने का मामला आया था सामने
उज्जैन के महाकाल मंदिर के गर्भगृह में कुछ दिनों पहले भाजपा विधायक गोलू शुक्ला और उनके बेटे रुद्राक्ष शुक्ला के जबरन घुसने का मामला सामने आया था.
इंदौर विधानसभा क्रमांक-3 से BJP विधायक गोलू शुक्ला की कांवड़ यात्रा 20 जुलाई की रात उज्जैन पहुंची थी. तड़के ढाई बजे BJP विधायक महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे. उनके साथ बेटा रूद्राक्ष भी था. वे भस्मारती में शामिल होने के लिए मंदिर पहुंचे थे. आरोप है कि इसी दौरान रूद्राक्ष ने मंदिर के गर्भगृह में जाने की कोशिश की, तो वहां मौजूद कर्मचारियों ने उन्हें रोका. जब BJP विधायक के बेटे को अंदर जाने को नहीं मिला तो उन्होंने कर्मचारियों को धमकाया था.
