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हनीट्रैप मामले में कमलनाथ को हाई कोर्ट से राहत, CBI जांच की मांग वाली जनहित याचिका खारिज की

Kamalnath

पूर्व सीएम कमलनाथ (फोटो- सोशल मीडिया)

MP Honey Trap Case: हनीट्रैप मामले में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को बड़ी राहत मिली है. मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय पूर्व सीएम के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग को लेकर लगाई गई जनहित याचिका को खारिज कर दिया है. जस्टिस विवेक रुसिया और जस्टिस विनोद कुमार द्विवेदी की युगलपीठ ने पर्याप्त सबूत ना होने पर याचिका खारिज कर दी. न्यायलय के समक्ष ये याचिका भूपेंद्र सिंह की ओर से दायर की गई थी.

साल 2023 में दायर की गई थी याचिका

याचिका में कमलनाथ पर आरोप लगाए गए हैं कि पूर्व सीएम ने कहा था कि उन्होंने हनीट्रैप से जुड़े वीडियो देखे हैं और उनके पास बीजेपी नेताओं की पैन ड्राइव भी है. इस मामले से जुड़े दस्तावेज SIT को नहीं सौंपी थी. इसके साथ ही याचिका में ये भी कहा गया है कि वे सबूत छिपाने की कोशिश कर रहे हैं. इस केस में मध्य प्रदेस पुलिस, एसआईटी, पूर्व सीएम कमलनाथ और पूर्व मंत्री गोविंद सिंह को पक्षकार बनाया गया था. ये याचिका साल 2023 में दायर की गई थी.

‘मीडिया के आधार पर सबूत देना गलत’

एमपी हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता भूपेंद्र सिंह के वकील से इस बयान के तथ्यों को लेकर जानकारी मांगी. न्यायालय में याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि इस बयान के वीडियो कई मीडिया चैनल और अन्य जगह पर प्रसारित किए गए हैं. कोर्ट ने कमलनाथ के बयान की सीडी ना पेश करने को लेकर भी नाराजगी जताई. उच्च न्यायालय ने मीडिया के आधार दिए गए सबूत को गलत माना है.

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‘सच्चाई को छिपा रहे हैं’

एडवोकेट भूपेंद्र सिंह ने हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. इसमें नाथ पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने बयान दिया था कि उन्होंने हनी ट्रैप की वीडियो देखी है और उनके पास भाजपा नेताओं की पैन ड्राइव मौजूद है. लेकिन उन्होंने इस मामले की जांचकर्ता SIT को ये नहीं सौंपी थी. उनके पास इस मामले से जुड़े सबूत होने के बाद में भी वे सच्चाई को छिपा रहे हैं.

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