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MP News: ‘पॉक्सो एक्ट के मामले में आधार कार्ड नहीं, 10वीं की मार्कशीट तय करेगी पीड़ित की उम्र’, PHQ का निर्देश

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MP News: पॉक्सो एक्ट में पीड़ित की उम्र का सही पता लगाने के लिए आधार कार्ड, समग्र आईडी, पासपोर्ट, राशनकार्ड से ज्यादा महत्वपूर्ण दसवीं की मार्कशीट या फिर आगंनबाड़ी का रिकॉर्ड माना जाएगा.

इस संबंध में पुलिस मुख्यालय ने सभी पुलिस अधीक्षकों के साथ ही भोपाल, इंदौर के पुलिस कमिश्नर को पत्र जारी किया है. जिसमें जबलपुर हाईकोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए बताया गया है कि बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के प्रकरणों में पीड़िता की कक्षा दसवीं की मार्कशीट से उसकी उम्र देखी जाए.

‘बोर्ड परीक्षा की मार्कशीट में अंकित जन्मतिथि के आधार पर ही जांच हो’

पुलिस मुख्यालय की महिला सुरक्षा शाखा से जारी परिपत्र में कहा गया है कि कैलाश यादव बनाम मध्य प्रदेश के केस में जबलपुर हाईकोर्ट से पारित हुए निर्णय में पुलिस मुख्यालय ने यह लिखा है कि आधार कार्ड, समग्र आइडी, पासपोर्ट, राशन कार्ड, लाइसेंस एवं अन्य दस्तावेज में दर्ज तिथि
अंतिम नहीं मानी जा सकती है. केवल स्कूल से प्राप्त प्रमाण पत्र और परीक्षा बोर्ड की मार्कशीट में अंकित जन्मतिथि में अंतर होने पर इस पर जांच की जानी चाहिए. पीड़िता की आयु से संबंधित निर्देश दिए गए हैं. जिसमें न्यायाधीश ने निर्देशित किया है कि यदि पीड़िता दसवीं कक्षा पास या फेल या उच्चतर कक्षा में अध्ययनरत हो तब उम्र निर्धारण के लिए बोर्ड से जारी दसवीं कक्षा की मार्कशीट निश्चित तौर पर जप्त की जाए.

उम्र पता करने के लिए स्कूल के रजिस्टर का भी होगा वेरीफिकेशन

इसके अलावा जन्मतिथि प्रमाण पत्र के लिए विद्यालय के प्रवेश रजिस्टर अथवा स्कॉलर रजिस्टर की भी संबंधित पीड़िता को लेकर जानकारी प्राप्त की जाए. ताकि उससे यह सुनिश्चित हो सके कि घटना से बहुत समय पूर्व विद्यालय में संधारित रजिस्टर में जन्म तिथि क्या दर्ज की गई है. यदि मार्कशीट और विद्यालय में संधारित रजिस्टर में जन्मतिथि एक ही हो तो उसे मान्य किया जाए. यदि यहां से जानकारी नहीं मिलती है तो आंगनबाड़ी का रिकॉर्ड, अस्पताल का रिकॉर्ड, ग्राम पंचायत एवं नगरीय निकाय में जन्म की सूचना की भी जानकारी ली जाए.

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सभी जिले और कमिश्नर प्रणाली वाले भोपाल इंदौर में भी रहेगा लागू

हाई कोर्ट की तरफ से दिए गए निर्देश को लागू करने के लिए पुलिस मुख्यालय में खासतौर पर भोपाल, इंदौर पुलिस कमिश्नर के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. इसके अलावा सभी जिले के पुलिस अधीक्षकों को भी निर्देश दिए हैं कि पॉक्सो मामले की जांच करने वाले विवेचना अधिकारी को इस मामले की जानकारी दी जाए. खास तौर पर उन्हें इस संबंध में कोर्ट के आदेश के फैसले का ध्यान रखने के लिए कहा जाए. जिससे की आगामी दिनों में कोर्ट की अवहेलना के मामले सामने ना आए.

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