MP News: सरकारी योजनाओं में घोटाले की खबरें किसी न किसी रूप में सामने आती रहती है. सरकारी बीमा पॉलिसी में ऐसा ही घोटाले का एक बड़ा मामला सामने आया है. यहां जिंदा लोगों को मृत बता दिया गया और मृत लोगों को जिंदा बनाकर उनके फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर उनके नाम पर दो-दो लाख रुपए निकाले गए हैं.
क्या है पूरा मामला?
ग्वालियर-चंबल संभाग में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. झूठे मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर लगभग 20 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है. जीवित व्यक्तियों के फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर बैंक से पैसा निकाले गए है. ये कारनामा एक पूरी गैंग द्वारा संचालित किया जा रहा है. अभी तक की जांच में घोटाले की रकम का आंकड़ा लगभग 20 करोड़ तक पहुंच गया है. ये आंकड़ा 100 करोड़ तक पहुंचने की संभावना जताई जा रही है. आर्थिक अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने ग्वालियर, भिंड और मुरैना से 15 लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act, 1988) के तहत मामला दर्ज किया है.
सामने आए 1,004 संदिग्ध क्लेम
EOW को फरवरी 2025 में ग्वालियर से एक संदिग्ध बीमा क्लेम की शिकायत मिली थी. EOW ने बताया कि अब तक की जांच में 1,004 संदिग्ध क्लेम सामने आए हैं, जिनमें से अधिकांश फर्जी पाए गए हैं. जांच में मृत लोगों को जीवित दिखाकर उनके नाम पर बीमा पॉलिसी बनाई जाने की बात सामने आई है. फर्जी मृत्यु प्रमाण-पत्र बनवाकर ठगों द्वारा बीमा राशि का क्लेम की गई है.
EOW ने आगे बताया कि ग्वालियर चंबल संभाग में आठ बीमा कंपनियों से जनवरी 2020 से लेकर दिसंबर 2024 तक के प्रकरणों की जानकारी जुटाई है. जिसमें न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी, स्टार यूनियन डाइ- इची लाइफ इंश्योरेंस, भारतीय एक्सा लाइफ इंश्योरेंस,आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस, मैक्स लाइफ इंश्योरेंस,यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस कंपनी शामिल है. इन बैंकों से कुल 1004 क्लेम की जानकारी सामने आई है.
जीवित लोगों को दस्तावेजों में मृत बताया
मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी की जांच में EOW ने 325 बीमा क्लेम केस में अभी तक पांच बीमा क्लेम की जांच पूरी कर ली है. जिसमें जीवित व्यक्ति नदीम, इरशाद , नसीमा, सिमरन और कृष्णा शंखवार की जीवित रहते हुए फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाए गए और छलपूर्वक दो-दो लाख रुपए की राशि निकाली गई है. इन्वेस्टिगेशन के दौरान EOW ने उन लोगों को ढूंढ निकाला जिन्हें शासन के रिकॉर्ड में मृत बताया गया था.
ग्वालियर के वीरपुर इलाके में रहने वाला इरशाद एक बेकरी में मजदूरी करता है. इरशाद ने बताया कि हमारे पास उन लोगों के दस्तावेज हैं जिनको बीमा पॉलिसी के नाम पर शिकार बनाया गया और फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाये गए. कुछ लोगों को वह जानता है जो उसके रिश्तेदार हैं. वह भी उस गिरोह का शिकार हो गए हैं. उसकी पत्नी के नाम से भी दो लाख रुपए निकाले गए.
क्या है पीएम जीवन ज्योति बीमा योजना?
साल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीवन ज्योति बीमा योजना की शुरुआत की थी. इस योजना में बीमा धारक की मृत्यु के बाद नॉमिनी को 2 लाख रुपये की सहायता मिलती है. ये योजना 18 से 55 साल के उम्र के लोगों के लिए आज भी चलाई जा रही है. इस पॉलिसी में हर साल नवीनीकरण किया जाता है. इसमें बीमा धारक को 436 रुपये सालाना जमा करने होते हैं. पाॅलिसी हाेल्डर का निधन हो जाने पर बीमा कम्पनी की ओर से नॉमिनी को 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद मिलती है.
इस बीमा योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना फॉर्म भरकर आवेदन करना होता है. इस योजना में आवेदन करने के 45 दिन के बाद बीमा कंपनी द्वारा प्रीमियम चालू कर दिया जाता है. इस पॉलिसी की किस्त साल में एक बार पॉलिसी धारक के अकाउंट से काट ली जाती हैं या पॉलिसी होल्डर खुद उसका भुगतान कर सकते हैं. PMJJBY में आवेदन करने के लिए आपको किसी भी प्रकार की मेडिकल जांच से गुजरने की आवश्यकता नहीं होती है. इस योजना के लिए आसानी से ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है. ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया बेहद आसान है और इसमें आपको किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है.
मामले में EOW का एक्शन
EOW ने मुरैना, भिंड और ग्वालियर में बीमा कंपनी के एजेंट, पंचायत सचिव समेत अन्य 15 लोगों पर FIR दर्ज की है. EOW ने आठ बीमा कंपनियों में से अभी केवल दो कंपनियों में किए गए क्लेम के आधार पर 20 करोड़ की राशि के घोटाले का पर्दाफाश किया है. अभी 6 इंश्योरेंस कंपनी में क्लेम और भुगतान की पड़ताल की जा रही है. अब तक 1,004 संदिग्ध बीमा क्लेम की पहचान की गई है और जांच तेज कर दी है.
