Vistaar NEWS

2014-15 में चालान के 23 करोड़ रुपये जमा हुए, 2015 के बाद 23 ₹ भी जमा नहीं करवा पाए अधिकारी; ED की जांच में हुआ खुलासा

Enforcement Directorate File Photo

Enforcement Directorate File Photo

Fake Challan Scam: मध्य प्रदेश में फर्जी चालान घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) की जांच में कई खुलासे हुए हैं. जांच में पाया गया कि साल 2015 में फर्जी चालान मामले में जिस अधिकारी पर आरोप लगा है. उस अधिकारी ने 23 करोड रुपये की रिकवरी कराई थी. उसके बाद एक भी आबकारी अधिकारी पिछले 10 साल में विभाग को 23 रुपये की रिकवरी भी नहीं करवा सके हैं. हैरत की बात ये है कि जिस अधिकारी ने 11 ठेकेदारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी, उसी को विभाग ने अपराधी बना दिया. वहीं बाकी अकाउंटेंट, एडीओ सहित अन्य अधिकारियों को क्लीन चिट दे दी. जबकि आबकारी अधिकारी संजीव दुबे को इंदौर से हटकर मुख्यालय में अटैच कर दिया. मतलब साफ है कि जिस अधिकारी ने विभाग को 23 करोड रुपये ट्रेजरी में जमा कराए. उसी अधिकारी को विभाग ने दोषी करार दे दिया.

क्या था फर्जी चालान घोटाला

साल 2015 के पहले ठेकेदार बैंक और ट्रेजरी के साथ-साथ विभाग को 10 हजार का चालान जमा करते थे. लेकिन उसमें 2-3 जीरो और बढ़ा देते थे. यानी कि विभाग के खाते में 10 हजार रुपए आते थे और दिखाया 10 लाख रुपए जाता था. इसमें बैंक के अकाउंटेंट, आबकारी विभाग के बाबू और ट्रेजरी के अधिकारियों की भूमिका सामने आई.

ED की जांच में यह हुए बड़े खुलासे

जांच एजेंसी ने छापेमारी के दौरान पाया कि बड़ी संख्या में शराब ठेकेदारों ने कैश रकम जमा कराई. इस पूरे मामले में कई आबकारी अधिकारी और शराब ठेकेदारों की भूमिका भी सामने आई. वहीं जिस अधिकारी को विभाग ने दोषी पाया था. उसके खिलाफ जांच एजेंसी को कोई साक्ष्य नहीं मिले. क्योंकि उन्होंने तो मामला सामने आने के बाद विभाग के खाते में रकम जमा कराई, जबकि अन्य कई अधिकारी इंदौर में पदस्थ रहे लेकिन एक भी रुपए विभाग के खाते में नहीं पहुंचे. यानी कि शराब ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत थी. जिसकी वजह से घोटाले की रिकवरी नहीं हो सकी.

ये भी पढ़ें: लाठी-डंडों से व्यक्ति को पीटने जा रहे थे, BJP विधायक बंदूक हाथ में लेकर गाड़ी से बाहर निकले; कार सवार बदमाश मौके से भागे

ED ने की थी छापेमारी

मध्य प्रदेश में 71 करोड़ के आबकारी फर्जी बैंक चालान घोटाले में बीते दिनों ED की टीम ने छापेमारी की थी. इंदौर, भोपाल समेत कई शहरों में 28 अप्रैल की सुबह ED के अफसरों की 18 टीमों ने छापा मारा था. यह कार्रवाई शराब करोबारियों से लेनदेन और फर्जी चालान घोटाले के मामले में की गई है.

Exit mobile version