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इंदौर के एमवाय अस्पताल में बच्चों की मौत का मामला, हाई कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट पेश, सरकार ने कहा- चूहों के कारण नहीं हुई मौत

Indore Bench of Madhya Pradesh High Court

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ

MP News: मध्य प्रदेश के इंदौर के महाराजा यशवंतराव होलकर अस्पताल में चूहों के कुतरने से दो बच्चों की मौत के मामले में हाई कोर्ट में स्टेट्स रिपोर्ट पेश की गई. इस रिपोर्ट में सरकार की ओर से कहा गया कि चूहों के कारण बच्चों की मौत नहीं हुई है. नवजातों की पोस्ट मार्टम रिपोर्ट का जिक्र भी किया गया. इस रिपोर्ट में बताया गया कि बच्चों के अंग पूरी तरह विकसित नहीं हुए थे. बच्चों को दूसरी कई बीमारियां भी थीं.

रिपोर्ट में रेट बाइट का जिक्र नहीं

राज्य सरकार द्वारा कोर्ट में पेश की गई रिपोर्ट में रेट बाइट का जिक्र नहीं है. इस मामले में जिन लोगों ने रिपोर्ट नहीं की है, उनकी गलती भी मानी है. घटना के दौरान उपस्थिति जिम्मेदारों की गलती मानी गई है. स्टेट्स रिपोर्ट में पेस्ट कंट्रोल कंपनी एजाइल को ब्लैक लिस्ट करने के बारे में बताया गया है.

हाई कोर्ट ने लिया था संज्ञान

प्रदेश के सबसे बड़े अस्पतालों में से एमवाय हॉस्पिटल में चूहों द्वारा नवजातों की उंगुली कुतरने और मौत के मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने संज्ञान लिया था. सरकार को 5 दिनों के भीतर स्टेट्स रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया था.

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हर दिन बताना होगा कितने चूहे पकड़े

महाराजा यशवंतराव होलकर अस्पताल में चूहों के काटने से नवजातों की मौत के बाद हॉस्पिटल मैनेजमेंट ने ‘ऑपरेशन रेट किल’ शुरू किया गया है. डॉक्टर महेश कछारिया को असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट बनाकर इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है. कछारिया पूरी प्रक्रिया की मॉनिटिरिंग करेंगे. चूहों को पकड़ने के लिए पिंजरे, स्ट्रॉन्ग ग्लू ट्रैप और दवाइयां इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. डॉक्टर्स को ये भी बताना होगा कि पिछले 24 घंटे में कितने चूहे पकड़े गए.

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