MP News: स्वच्छता के मामले में तो इंदौर देशभर में नंबर वन है ही, लेकिन अब स्वच्छ हवा में भी इंदौर ने नया कीर्तिमान बना दिया है. राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के सर्वेक्षण में इंदौर ने 200 में से पूरे 200 अंक हासिल किए हैं. इन अंकों के साथ इंदौर ने स्वच्छ हवा के सर्वेक्षण में पहला स्थान प्राप्त किया है वहीं जबलपुर ने दूसरा स्थान हासिल किया.
राजधानी भोपाल लगातार दूसरे साल भी छठे नंबर पर ही अटका हुआ है. करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद शहर की हवा में कोई बड़ा सुधार नहीं हुआ. दिल्ली स्थित पर्यावरण भवन में आयोजित समारोह में जहा इंदौर को ‘स्वच्छ हवा’ का अवॉर्ड दिया गया, तो वही भोपाल के हाथ खाली रह गए.
भोपाल को मिले थे 242 करोड़ रुपये
हवा की गुणवत्ता सुधारने के लिए भोपाल को बीते सालों में 242 करोड़ रुपये का बजट केंद्र सरकार ने NCAP के तहत दिया था. इनमें से 195 करोड़ रुपये केवल माइक्रो एक्शन प्लान पर खर्च कर दिए गए, लेकिन नतीजे खास नहीं मिले. राजधानी में सड़कों पर उड़ती धूल, आदमपुर खंती में कचरे का जलना और लगातार चल रहे निर्माण कार्य शहर की हवा को प्रदूषित कर रहे हैं.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी बृजेश शर्मा का कहना है कि अलग-अलग विभाग इस दिशा में काम कर रहे हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले सालों में सुधार देखने को मिलेगा.
प्रदूषण के खतरनाक असर
हवा में मौजूद पीएम10 और पीएम2.5 कण सीधे फेफड़ों में जाकर जमा हो जाते हैं. ये कण दमा, ब्रोंकाइटिस, हृदय रोग, सिरदर्द और गर्भावस्था में गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसके अलावा वाहनों और उद्योगों से निकलने वाला धुआं भी स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है.
10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में भोपाल दूसरे स्थान पर
स्वच्छता सर्वेक्षण 2025 के नतीजों में भोपाल ने नई पहचान बनाई है. 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी में राजधानी भोपाल ने तीन पायदान की बढ़त के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया है. इस उपलब्धि पर नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भोपाल की महापौर मालती राय और नगर निगम आयुक्त हरेंद्र नारायण को सम्मानित किया था.
