Indore News: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है. शहर के घनी आबादी वाले रिहायशी और व्यावसायिक इलाकों में लोगों के विरोध के बाद मेट्रो ट्रेन के रूट में बदलाव किया गया है. राज्य के शहरी विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने सोमवार को बताया कि मेट्रो रेल का नया रूट अब भूमिगत होगा. उन्होंने कहा कि खजराना स्क्वायर से पलासिया स्क्वायर और बड़ा गणपति क्षेत्र तक मेट्रो लाइन को अब अंडरग्राउंड बनाया जाएगा, ताकि नागरिकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो और सामान्य जनजीवन प्रभावित न हो.
अंडरग्राउंड रूट पर दौड़ेगी मेट्रो
इंदौर में 2019 से मेट्रो का काम चल रहा है, लेकिन जिन इलाकों से यह लाइन गुजर रही थी, वहां के लोगों ने लगातार विरोध जताया था. उनका कहना था कि मेट्रो निर्माण से यातायात और कारोबार दोनों पर असर पड़ रहा है. इसी को देखते हुए सरकार ने रूट में परिवर्तन का फैसला लिया है. मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि नए अंडरग्राउंड रूट से प्रोजेक्ट की लागत में बढ़ोतरी होगी, जिसके लिए अतिरिक्त फंड अन्य स्रोतों से जुटाए जाएंगे.
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री मोहन यादव की सहमति मिलने के बाद रूट परिवर्तन के प्रस्ताव को कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा. मंत्री ने स्वीकार किया कि पिछली योजना में हुई गलतियों के कारण शहर की सड़कों और प्रमुख चौराहों की सुंदरता प्रभावित हुई थी, लेकिन अब आगे ऐसी गलती नहीं दोहराई जाएगी.
पहले चरण का संचालन हो चुका शुरू
अधिकारियों के अनुसार, इंदौर मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर के पहले चरण का संचालन पहले ही शुरू किया जा चुका है. यह छह किलोमीटर का हिस्सा गाभी नगर स्टेशन से सुपर कॉरिडोर स्टेशन नंबर-3 तक फैला हुआ है, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवी अहिल्याबाई की 300वीं जयंती के अवसर पर 31 मई को किया था. पूरे प्रोजेक्ट में लगभग 31.32 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर और 28 स्टेशन प्रस्तावित हैं. इसकी मूल लागत करीब 7,500 करोड़ रुपये आंकी गई थी.
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राज्य सरकार का मानना है कि इंदौर मेट्रो पूरी तरह शुरू होने के बाद शहर में सार्वजनिक परिवहन न केवल तेज और सुविधाजनक होगा, बल्कि प्रदूषण कम करने में भी मदद मिलेगी.
