Indore News: इंदौर में 10 साल पहले 300 करोड़ रुपए की लागत से BRTS की शुरुआत की गई थी. 11 किलोमीटर लंबे इस बस लेन में 30 से ज्यादा बसें चलती हैं. साथ ही 12 स्टेशन बनाए गए हैं. प्रदेश सराकर ने अब इसे हटाने का फैसला लिया है. खुद CM डॉ. मोहन यादव ने इसकी वजह बताते हुए घोषणा की है.
CM मोहन पहुंचे इंदौर
मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव गुरुवार को इंदौर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार ने भोपाल के बाद अब इंदौर BRTS हटाने का निर्णय ले लिया है. इंदौर के लोगों से BRTS को लेकर शिकायतें मिल रही हैं. उन्होंने कहा कि जो भी तरीका लगाना पड़ेगा वह तरीका लगाकर BRTS को हटाएंगे. इसके लिए कोर्ट के सामने भी पक्ष रखेंगे.
इंदौर से हटेगा BRTS
BJP प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने इस बारे में जानकारी देते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया- ‘इंदौर का BRTS हटेगा.. जनता को हो रही परेशानी और जनप्रतिकिधियों की मांग पर हम यह निर्णय लेने जा रहे हैं… न्यायालय में भी सरकार की और से इस संबंध में हम पक्ष रखेंगे- मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ‘
“इंदौर का बीआरटीएस हटेगा..
जनता को हो रही परेशानी और जनप्रतिनिधियों की माँग पर हम यह निर्णय लेने जा रहे है…
न्यायालय में भी सरकार की और से इस संबंध में हम पक्ष रखेंगे…” – मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव जी ( इंदौर में मीडिया से चर्चा में )@DrMohanYadav51 @CMMadhyaPradesh @BJP4MP pic.twitter.com/OupLHgdsee
— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) November 21, 2024
300 करोड़ की लागत से बना था BRTS
इंदौर में साल 2013 में 300 करोड़ रुपए की लागत से BRTS का निर्माण किया गया था. जानकारी के मुताबिक इस कॉरिडोर पर रोजाना 30 से ज्यादा बस चलती हैं और 50 हजार से ज्यादा यात्री सफर करते हैं. इस रूट पर कई शैक्षणिक संस्थान, ऑफिस और अस्पताल हैं. लेकिन BRTS की वजह से दूसरे वाहनों को कम जगह मिलती है और इस पूरे रूट पर कई जगह जाम लग जाता है. ऐसे में सरकार ने अब यह फैसला लिया है.
बता दें इससे पहले राजधानी भोपाल में भी BRTS कॉरिडोर को हटाने की सहमति बनी है. राजधानी में 13 साल पहले 360 करोड़ रुपए की लागत से BRTS कॉरिडोर बना था.