MP News: नवरात्रि की शुरुआत 22 सितंबर से हो रही है. देश के साथ-साथ प्रदेश में भी इसके लिए तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. आस्था और भक्ति में डूबकर लोग नवरात्रि का पर्व मनाते हैं. गरबा पंडाल भी नवरात्रि की रौनक बढ़ाएंगे. एमपी के अलग-अलग शहरों के साथ ही इंदौर में गरबे का आयोजन किया जा रहा है. हर साल ये गरबा पंडाल चर्चा का विषय रहते हैं. इन्हीं गरबा पंडालों में लोग डांडिया, रास और गरबा नृत्य करके पर्व को मनाते हैं. राजनीतिक बयानों से लेकर हिंदूवादी संगठन के निशाने पर रहते हैं. अब विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल ने इन गरबा पंडालों को लेकर गाइड लाइन्स जारी की है.
ये हैं 5 प्वॉइंट गाइड लाइन
- गरबा पंडाल के पास किसी भी प्रकार का नशा (धूम्रपान/शराब), मांसाहार निषेध हो.
- गरबा एक हिन्दू महोत्सव है, गरबा पंडाल में गैर हिन्दुओं का प्रवेश निषेध हो.
- प्रवेशकर्ता का प्रमाणिक परिचय पत्र (आईडी कार्ड) देखकर सनातनी हिंदुओं को ही प्रवेश देना होगा.
- गरबा मां की आराधना का उत्सव हैं, सभी पारंपरिक मर्यादित परिधान में ही प्रवेश करें, पंडाल में अशलील, अंग प्रदर्शन जैसे वस्त्र वर्जित हों.
- मां की आराधना में गीत-संगीत भक्तिमय हो, अश्लील, फूहड़, फिल्मी गाने प्रतिबंधित हों.
गाइड लाइन ना मानने पर होगी कार्रवाई
ये गाइडलाइन्स विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के इंदौर विभाग ने जारी की है. गाइड लाइन्स के साथ ये भी कहा गया है कि इनका पालन ना करने वालों पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी. ये गाइड लाइन्स अब सुर्खियां बन गई हैं.
‘गैर-हिंदू गरबे में ना आएं’
कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने भी कहा था कि गरबे में गैर हिंदुओं को नहीं आना चाहिए. केवल हिंदू और सनातनी परंपरा को मानने वाले ही गरबे में शामिल हों. इसके अलावा कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पूर्व मंत्री ऊषा ठाकुर समेत कई नेता अपने विचार गरबे पर रख चुके हैं.
