Pune Hit and Run Case: पुणे हिट एंड रन केस में लगातार नए-नए खुलासे हो रहे हैं. पुलिस ने नाबालिग आरोपी के माता-पिता को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, अब मामले की जांच मध्य प्रदेश भी पहुंच गई है. पुणे पुलिस के एसीपी मनोज पाटिल की अगुवाई में दो सदस्यों की टीम ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की है.
जानकारी के मुताबिक, पुणे पुलिस की टीम बुधवार को जबलपुर और उमरिया बिरसिंहपुर पाली पहुंची. टीम ने हादसे में जान गंवाने वाली जबलपुर की बेटी अश्विनी कोस्टा और उमरिया बिरसिंहपुर पाली के रहने वाले अनीश अबधिआ के परिजनों से मुलाकात की. एसीपी मनोज पाटिल ने पीड़ित परिजनों से मिलकर हादसे पर दुख जताया और दोनों परिवार को न्याय दिलाने का भरोसा दिया. इसके साथ ही दोनों परिवारों को अब तक की कार्रवाई के बारे में जानकारी दी.
वहीं, अश्विनी के पिता सुरेश कोस्टा ने पुलिस टीम से दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की मांग की है. साथ ही मामले को फास्ट ट्रैक के माध्यम से चलाने की भी मांग की है. गौरतलब है कि महाराष्ट्र के पुणे शहर में 19 मई को दो मोटरसाइकिल सवार सॉफ्टवेयर इंजीनियरों अश्विनी कोस्टा और अनीश अबधिआ को पोर्श कार से बिल्डर विशाल अग्रवाल के नाबालिग बेटे ने बुरी तरह कुचल दिया था. घटना के चंद घंटों में आरोपी को जमानत भी मिल गई थी. इसके बाद से मामला देशभर में चर्चा का केंद्र बना हुआ है.
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नाबालिग आरोपी का बदला गया था ब्लड सैंपल
पुणे हिट एंड रन केस में नए-नए खुलासे हो रहे हैं. बीते दिनों पुलिस ने खुलासा किया कि शराब के नशे में धुत नाबालिग आरोपी के ब्लड सैंपल को उसकी मां शिवानी अग्रवाल के ब्लड सैंपल से बदला गया था. ससून जनरल अस्पताल के डॉक्टरों ने नाबालिग आरोपी के ब्लड सैंपल को कूड़ेदान में फेंक दिया और उसकी जगह अग्रवाल के ब्लड सैंपल को जांच के लिए भेजा था.
सीएम ने एक्शन का दिया था भरोसा
उधर, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घटना को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने बताया कि वह घटना के पहले दिन से पुणे पुलिस कमिश्नर के संपर्क में हैं. मुख्यमंत्री ने कहा, “कानून सभी के लिए समान है, चाहे कोई भी व्यक्ति कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए. कोई भी व्यक्ति कितना भी अमीर या गरीब क्यों न हो, कानून सबके लिए बराबर है और इस मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा. मैंने कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया है.”