MP News: देश में नवरात्रि का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. मध्य प्रदेश में भी सभी शहरों में जगह-जगह गरबा पंडाल लगे हैं. हिंदू संगठनों ने गैर हिंदू लोगों को पंडालों में आने पर कड़े नियमों के साथ राेक लगाई है. ऐसे में प्रदेश की राजनीति में अलग ही रंग देखने को मिल रहा है. भाजपा नेता इस पहल का समर्थन कर रहे हैं तो वहीं कांग्रेस नेता इस व्यवस्था पर सवाल खड़े करते नजर आ रहे हैं.
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने एक मीडिया डिबेट में हो रही गरबा और गौमूत्र को लेकर सियासी चर्चा का वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट करके भाजपा पर निशाना साधा है. दिग्विजय सिंह ने पोस्ट में लिखा कि गरबे में गौमूत्र पीने की अनिवार्यता सिर्फ आम लोगों के लिए ही क्यों है? उन्होंने सवाल उठाया कि क्या भाजपा नेताओं को भी इन शर्तों का पालन नहीं करना होता है? उन्होंने आगे कहा कि ऐसी किसी भी प्रकार की अनिवार्यता किसी भी व्यक्ति के लिए नहीं होनी चाहिए, क्योंकि भारत देश संविधान से चलता है, किसी की दादागिरी से नहीं.
भाजपा नेताओं के लिए नहीं है नियम – दिग्विजय सिंह
दिग्विजय सिंह ने अपनी पोस्ट में आगे कहा कि भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन गरबे में शामिल हुए थे, तो क्या उन्हें भी गौमूत्र पीने का या हाथ में कलावा बांधने के लिए मजबूर किया गया था. उन्होंने पोस्ट में यह भी कहा कि भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा जब रक्षाबंधन का त्योहार मनाता है तब भी कोई शर्त लागू होती है? उन्होंने आगे लिखा कि भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी दिवाली मानते हैं, तो उनका विरोध नहीं किया जाता और न ही इस तरह का विरोध होना चाहिए. दिग्विजय सिंह ने सवाल किया कि अगर भाजपा नेताओं के लिए ऐसे कोई नियम नहीं हैं, तो फिर आम लोगों के लिए इस तरह की शर्तें क्यों लागू की गई हैं.
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दिग्विजय सिंह ने कहा कि इस देश में सभी व्यक्ति अपनी मर्जी से त्योहार मनाने का अधिकार रखते हैं. किसी भी प्रकार के धार्मिक और सांस्कृतिक नियमों को उन पर थोपना गलत है. उन्होंने कहा कि देश का संविधान सभी को समान अधिकार देता है और किसी भी तरह की जबरदस्ती स्वीकार नहीं की जानी चाहिए.
