MP News: ऐसा कहा जाता है कि उम्र तो एक नंबर होती है. आप यदि मन में कोई बात ठान लें तो उसे करने से कोई रोक नहीं सकता. ऐसा ही कुछ ज्योति रात्रे की कहानी कहती है. 55 साल की ज्योति रात्रे अंटार्कटिका (Antarctica) के सबसे ऊंचे पर्वत ‘माउंट विंसन’ (Mount Vinson) पर चढ़ाई के लिए तैयार हैं. इसी महीने 14 दिसंबर को माउंट विंसन को फतह करने के लिए रवाना होंगी.
‘7 समिट्स मिशन’ पर हैं रात्रे
पर्वतारोही ज्योति रात्रे ‘7 समिट्स मिशन’ पर हैं यानी सातों महाद्वीपों की सबसे ऊंचे पर्वत को फतेह करना. अंटार्कटिका महाद्वीप का सबसे ऊंचा पर्वत फतेह करने के लिए 14 दिसंबर को रवाना होंगी. ‘7 समिट्स मिशन ‘ का यह छठा मिशन है. 15 दिसंबर को चिली के पंटो अरेना पहुंचेंगी. इसके बाद 18 दिसंबर को यूनियन ग्लेशियर के लिए निकलेंगी. उनका ये अभियान 12 दिनों तक चलेगा.
ऑस्ट्रेलिया की माउंट कोजियोस्को, यूरोप की एल्ब्रुस, अफ्रीका की माउंट किलीमंजारो को फतह कर चुकी हैं. माउंट विंसन जाने वाली ज्योति रात्रे मध्य प्रदेश की पहली महिला पर्वतारोही बनेंगी.
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माउंट एवरेस्ट फतह कर चुकी हैं
माउंटेनियर ज्योति रात्रे दुनिया की सबसे ऊंची चोटी को फतेह कर चुकी हैं. 19 मई 2024 को माउंट एवरेस्ट फतेह किया था. रात्रे मध्य प्रदेश की उन चुनिंदा महिला पर्वतारोहियों में शामिल हो गई हैं जिन्होंने एवरेस्ट की चढ़ाई की है.
अंटार्कटिका क्या चुनौती रहेगी
ज्योति रात्रे ने बताया अंटार्कटिका के लिए बहुत सारे चैलेंज हैं, सबको लगता है कि एवरेस्ट हो गया तो सब हो जाएगा, पर ऐसा होता नहीं है. अंटार्कटिका के दो सबसे बड़े चैलेंज यह है कि एक तो इस वक्त वहां 24 घंटे दिन यानी रोशनी होगी. दूसरा वहां का मौसम जो कि -30 से -60 तक चला जाता है.
माउंट विंसन के बारे में भी जान लीजिए
यह अंटार्कटिका की सबसे ऊंची पर्वत चोटी है. इसकी ऊंचाई 4,892 मीटर ऊंची है. यह 12 महीने बर्फ से ढंका रहता है. यह एल्सवोर्थ माउंटेन के सेनिटेल रेंज का हिस्सा है. अंटार्कटिका महाद्वीप के उत्तर में स्थित है.