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छिंदवाड़ा कफ सीरप मामले में कटारिया फार्मा संचालक को हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत, सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

Jabalpur High Court

जबलपुर हाई कोर्ट

MP News: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में जहरीले कफ सीरप कोल्ड्रिफ से हुई बच्चों की मौत के मामले में सरकार ने कटारिया फार्मास्यूटिकल के लाइसेंस को रद्द कर दिया था. इसके बाद फार्मास्यूटिकल के संचालक ने लाइसेंस पर रोक को हटाने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. जबलपुर हाई कोर्ट में सुनवाई के बााद फार्मास्यूटिकल के संचालक राजपाल कटारिया को कोई राहत नहीं मिली है. कोर्ट ने दवा का लाइसेंस निरस्त किए जाने के खिलाफ दायर उनकी याचिका को खारिज करते हुए कहा कि इस मामले में अपील राज्य सरकार के समक्ष की जाए.

11 अक्‍टूबर को हुआ था लाइसेंस रद्द

राजपाल कटारिया, जो जबलपुर के निवासी हैं, उन्‍हाेंने अदालत में दलील दी थी कि वे वर्षों से दवाओं का थोक व्यापार कर रहे हैं और श्रीसन फार्मा द्वारा निर्मित ‘कोल्डड्रिफ कफ सीरप’ की आपूर्ति छिंदवाड़ा जिले में लंबे समय से कर रहे थे. उनका कहना था कि इस दवा के सेवन से 25 मासूम बच्चों की मौत के बाद 11 अक्टूबर को ड्रग लाइसेंस अथॉरिटी ने उनका लाइसेंस रद्द कर दिया था. इसी आदेश को चुनौती देने के लिए उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

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इस मामले में अपील राज्‍य सरकार के पास पेश की जाए

न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि इस तरह के मामलों में अपील का अधिकार राज्य सरकार के पास है. वहीं, राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता सुमित रघुवंशी ने अदालत को बताया कि ड्रग रूल्स, 1945 के नियम 66(2) के अनुसार, लाइसेंस निरस्त होने पर अपील सीधे राज्य सरकार के समक्ष की जा सकती है. अदालत ने यह कहते हुए याचिका का पटाक्षेप कर दिया कि याचिकाकर्ता को यही प्रक्रिया अपनानी चाहिए.

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