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Dewas News: साइबर ठगों ने बुजुर्ग दंपती से ठगे 50 लाख रुपये, पुलिस बनकर 13 दिनों तक किया डिजिटल अरेस्ट

Pandhana Police Station( file photo)

पंधाना पुलिस स्टेशन (फाइल फोटो)

Dewas News: साइबर ठगी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. हाल ही में एक मामला मध्य प्रदेश के खंडवा जिले से सामने आया है. जहां ठगों ने 69 साल के बुजुर्ग दंपती को 13 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखकर 50 लाख, 20 हजार रुपये ठग लिए. मुंबई के कोलंबा पुलिस अधिकारी बनकर ठगों ने अपने जाल में फंसाया. साइबर ठगों ने बुजुर्ग को कई बार बैंक भेजकर उनकी एफडी तुड़वाकर रकम निकलवा ली. पूरे मामले का खुलासा तब हुआ, जब कृष्ण जन्माष्टमी पर बुजुर्ग महिला अपने भाई के घर गई थी. अब खंडवा पुलिस इस पूरे मामले के जांच में जुटी हुई है.

पुलिस अधिकारी बनकर ठगों ने जाल में फंसाया

बुजुर्ग दंपती ने बताया की पंधाना में उनकी बर्तन की दुकान है. उनके बच्चे नहीं है, घर में दोनों अकेले रहते हैं. आगे बताया कि 18 जुलाई को उनके मोबाइल नंबर पर मुंबई के कोलंबा थाने से फोन आया. जिसमें एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि हम कोलंबा थाने से बोल रहे हैं. आपके इस नंबर वाली सिम से हत्या, अपहरण और धोखाधड़ी की गई. फिर कहा कि मामला काफी गंभीर है. आपके खिलाफ जांच होगी. ठगों ने पुलिस बनकर जांच के नाम पर घर से बाहर तक नहीं निकलने दिया. कहा कि हमारे अलावा किसी का फोन नहीं उठाना है.

ठगों ने 30 लाख रुपये ट्रांसफर करवाए

बुजुर्ग दंपती ने आगे बताया कि ठगों ने हमे वीडियो कॉल किया. जिसमें पूरा थाना और वर्दी पहना हुआ पुलिस स्टाफ भी दिखाई देता था. ठगों ने धमकाते हुए कहा कि यदि आप घर में नहीं रहोगे तो आपको कोलंबा थाने आना पड़ेगा. दंपती ने कहा कि हम बुजुर्ग हैं, इतनी दूर कैसे आएंगे. इस पर ठगों ने उन्हें घर पर ही रहने की बात कही. फिर ठगों ने 21 जुलाई को कॉल किया और कहा कि आपके रुपयों की जांच करनी पड़ेगी. आप बैंक जाओ और अपनी एफडी तुड़वाकर हमारे खाते में ट्रांसफर कर दाे. जिसके बाद दंपती ने 30 लाख रुपए की एफडी 21 जुलाई को तुड़वाकर ठगों के द्वारा दिए गए खाते में डाल दी.

दंपती से झूठा बहाने बनाने के लिए कहा

दंपती ने बताया कि एक बार एफडी तुड़वाने के बाद ठगों ने 25 जुलाई को फिर कॉल करके बैंक भेजा. बैंक में किसी को शंका न हो, इसलिए ठगों ने दंपती से कहा कि बैंक मैनेजर पूछे तो कहना हमने प्रापर्टी खरीदी है, इसके लिए पेमेंट की जरूरत है. ऐसा कहकर उन्होंने दोबारा 19 लाख 50 हजार की एफडी तुड़वा दी. पूरा पेमेंट अपने खाते में आरटीजीएस करवा लिया.

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साइबर हेल्पलाइन पर कॉल करके की शिकायत

दंपती को ठगों ने इतना डराया धमकाया था कि 13 दिन तक अरेस्ट रहने के बाद 16 अगस्त तक ये बात किसी को नहीं बताई. जन्माष्टमी के दिन बुजुर्ग महिला अपने भाई के घर गई. जहां उसने अपने भाई से सारी बातें बताई. एक दिन बाद घर वालों ने साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत की. इस पूरे मामले को खंडवा साइबर सेल प्रभारी इंस्पेक्टर प्रवीण आर्य द्वारा संज्ञान में लिया गया और जांच जारी है.

क्या होता है डिजिटल अरेस्ट?

डिजिटल अरेस्ट एक प्रकार का ऑनलाइन स्कैम है. जिसमें ठग खुद को सरकारी अधिकारी या पुलिसकर्मी बताकर लोगों को डराते हैं और उनसे पैसे ठगने की कोशिश करते हैं.  वीडियो कॉल या अन्य ऑनलाइन माध्यमों से लोगों को डराते हैं कि वे किसी अपराध में शामिल हैं या उनके साथ कोई वित्तीय धोखाधड़ी हुई है.

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